Saturday, July 5, 2025

Acharya Pramod Krishnam: राहुल सरकार आने पर शहबानों मामले की तरह राम मंदिर का फैसला बदल देंगे

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लोकसभा चुनाव 2024 में राजनीति का स्तर ये हो गया है कि एक नेता ने कहा कि कव्वा कान लेकर भागा तो सभी नेता कव्वे को ढूंढने निकल जाते है.

कांग्रेस के पूर्व नेता और फिलहाल बीजेपी में शामिल हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) राहुल गांधी को लेकर रोज नए खुलासे कर रहे है. पहले उन्होंने कहा कि राहुल गांधी बहन प्रियंका को राजनीति में आगे बढ़ने नहीं दे रहे है फिर उन्होंने अमेठी से राहुल गांधी के चुनाव नहीं लड़ने पर कहा कि ये आत्मघाती है और अब उनका दावा है कि इंडिया की सरकार बनने पर एक ताकतवर आयोग बना राहुल गांधी राम मंदिर का फैसला बदल देंगे.

शहबानों मामले की तरह राम मंदिर का फैसला बदल देंगे राहुल- Acharya Pramod Krishnam

पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, ”मैंने कांग्रेस में 32 साल से अधिक समय बिताया है और जब राम मंदिर का फैसला आया, तो राहुल गांधी ने अपने करीबी सहयोगियों के साथ बैठक में कहा कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद. वे एक ताकतवर न्यायिक आयोग बनाएंगे और राम मंदिर के फैसले को वैसे ही पलट देंगे जैसे राजीव गांधी ने शाह बानो के फैसले को पलट दिया था… ”

उनके पुरखे भी आ जाएं तो भी वे ऐसा नहीं कर सकते- केशव प्रसाद मौर्य

Acharya Pramod Krishnam के बयान पर बवाल तो होना ही था. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रमोद कृष्णम के बयान पर कहा, “…उनकी(कांग्रेस) मंशा जरूर है कि राम जन्मभूमि से मंदिर हटाकर कोई स्मारक ढांचा खड़ा कर दें, उनकी मंशा जरूर है कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 फिर बहाल कर दें… लेकिन अब अगर उनकी पुरखें भी आ जाएं तो भी वे ऐसा नहीं कर सकते… 2047 तक देश और प्रदेश में भाजपा की सरकार है और रहेगी…”

गांधी परिवार से एक भी स्पष्टीकरण नहीं आया- स्मृति ईरानी

वहीं Acharya Pramod Krishnam को बयान को केंद्रीय मंत्री व अमेठी से भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने कहा, “कांग्रेस के जो 32 साल के नेता रहे उन्होंने आज राहुल गांधी का एक घिनौना सच पेश किया. कांग्रेस के नेता का ही आरोप है कि राहुल गांधी और गांधी परिवार की यह मंशा है कि अगर उन्हें थोड़ी सी भी सत्ता मिली तो वे राम मंदिर के निर्णय को पलट देंगे. सुबह से यह विषय चल रहा है लेकिन गांधी परिवार से एक भी स्पष्टीकरण नहीं आया…”

बीजेपी पहले राम मंदिर बनाने को लेकर जनता से वोट मांग रही थी और अब उसने राम मंदिर फैसला बदलने का डर दिखाना शुरु कर दिया है. राम मंदिर का फैसला तो 9 नवंबर 2019 में आया था तो सवाल उठता है कि इतने सालों तक Acharya Pramod Krishnam राम मंदिर को खत्म करने की मंशा रखने वालों के साथ कर क्या रहे थे.

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