पटना, (अभिषेक झा-ब्यूरो चीफ), ऐसा लगता है आरजेडी को जेएऩयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार Kanhaiya Kumar से कोई पुरानी नाराज़गी है. 2019 में बेगूसराय सीट को लेकर ही आरजेडी और लेफ्ट पार्टियों का गठबंधन टूट गया था. तब आरजेडी ने तनवीर हसन को यहां से टिकट दिया था जबकि कन्हैया कुमार जो तब सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव थे तब सीपीआई की टिकट से चुनाव लड़े थे और बीजेपी के गिरिराज किशोर ने बड़े अंतर से हार गए थे. आरजेडी ने तनवीर हसन तीसरे नंबर पर रहे थे.
सीपीआई ने अवधेश राय को बनाया उम्मीदवार
शुक्रवार को लालू यादव ने एक बार फिर अपने लोकसभा उम्मीदवारों को सिंबल देने का सिलसिला जारी रखा. लालू यादव ने बाहुबली अशोक महतो की पत्नी को मुंगेर से आरजेडी उम्मीदवार बना पार्टी सिंबल दे दिया.
जिसके बाद एक बार फिर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह और सीपीआई महासचिव डी राजा ने अलग-अलग लालू यादव से मुलाकात की.
CPI ने मांगी है 2 सीटें
मुलाकात के बाद अखिलेश सिंह ने तो कुछ नहीं कहा लेकिन सीपीआई महासचिव जी राजा ने अवधेश राय के बेगूसराय से I.N.D.I.A. गठबंधन के उम्मीदवार होने का एलान कर दिया. डी. राजा ने कहा कि सीपीआई ने पार्टी के लिए दो सीटों की मांग की थी. फिलहाल हमें एक सीट बेगूसराय मिल गई है. दूसरे सीट को लेकर आरजेडी से बातचीत जारी है. सीपीआई महासचिव ने उम्मीद जताई की पार्टी को दूसरी सीट भी मिल जायेगी.
Kanhaiya Kumar को तेजस्वी के समकक्ष नहीं खड़े होने देना चाहती आरजेडी
जानकारों का कहना है कि आरजेडी में कन्हैया कुमार Kanhaiya Kumar के विरोध का एक कारण ये भी है कि लालू यादव नहीं चाहते की कोई भी तेजस्वी यादव के सामने खड़ा हो. ऐसा कहा जाता है कि लालू यादव कन्हैया कुमार को सिर्फ इस लिए आगे बढ़ता नहीं देखना चाहते क्योंकि वह तेजस्वी के लिए चुनौती बन सकते है. वैसे खुद राहुल गांधी और कन्हैया कुमार हमेशा तेजस्वी यादव पर काफी प्यार लुटाते ही नज़र आए हैं.