बिहार की राजनीति में अभी खेला होने की संभावनाएं बाकी है. पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यदव पहले की कह चुकें है कि अभी खेल बाकी है. ऐसे में कांग्रेस के अपने विधायकों को हैदराबाद भेजने के फैसले से जेडीयू और बीजेपी में हलचल तेज़ हो गई है. हलांकि बीजेपी साफ कह रही है कि उसके पास बहुमत है. लेकिन वो साथ ही ये आरोप भी लगा रही है कि आरजेडी विधायकों की खरीद-फरोख्त में लगी है.
RJD कर रही है खरीद फरोख्त की कोशिश-सम्राट चौधरी
सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे सम्राट चौधरी से जब कांग्रेस के विधायकों के तेलंगाना शिफ्ट होने पर जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा- “बिहार सरकार में भाजपा और JDU के पास पूर्ण बहुमत है. RJD के लोग खरीद-फरोख्त की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन्हें पता नहीं है यह लोकतंत्र है… HAM पार्टी का समर्थन भी प्राप्त है, कांग्रेस पार्टी का वोट नहीं चाहिए…”
#WATCH दिल्ली: बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, “बिहार सरकार में भाजपा और JDU के पास पूर्ण बहुमत है। RJD के लोग खरीद-फरोख्त की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन्हें पता नहीं है यह लोकतंत्र है… HAM पार्टी का समर्थन भी प्राप्त है, कांग्रेस पार्टी का वोट नहीं चाहिए…” pic.twitter.com/mwLnXhSRqs
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 5, 2024
असल में हम पार्टी के बदलते सुर और जेडीयू में मंत्रीपद को लेकर नाराज़गी के साथ ही ललन सिंह को लेकर चल रही अटकलों के चलते खेला होने की बात कही जा रही है.
क्या है बिहार विधानसभा का गणित
अगर बात बिहार विधानसभा में गणित की करें तो 243 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 122 सीटें चाहिए. बीजेपी के पास 78 विधायक हैं तो वहीं जेडीयू के पास 45 विधायक. जबकी एक निर्दलीय सुमित सिंह और हम पार्टी के चार विधायकों ने भी एनडीए सरकार को समर्थन देने का पत्र राज्यपाल को सौंपा हैं. ऐसे में बीजेपी के पास बहुमत से 6 यानी कुल 128 विधायक हैं.
ललन सिंह कर सकते है खेला
यहीं पर बात आकर फंसती है खेला होने की. ऐसा कहा जा रहा है कि ललन सिंह जिन्हें कुछ समय पहले जेडीयू ने अध्यक्ष पद से हटाया है और जिन्हें नीतीश कुमार की नई टीम में कोई जगह भी नहीं दी गई है वह कुछ खेला कर सकते है. ललन सिंह पर जो आरोप थे उसमें पार्टी का आरजेडी में विलय कराना और आरजेडी सुप्रीमों लालू यादव से करीबी मुख्य था. अब ऐसा कहा जा रहा है कि अगर ललन सिंह जेडीयू के 5 से 6 विधायक भी तोड़ने में कामयाब रहते है तो सरकार के विश्वास मत हार सकती है.
वैसे सिर्फ विधायक तोड़ना ही नहीं विधायकों को सदन से अनुपस्थित करा भी सरकार गिराई जा सकती है. शायद ये ही वजह है कि कांग्रेस ने अपने विधायक दिल्ली बुला सीधे तेलंगाना शिफ्ट कर दिए हैं.
हमारे विधायक को सुरक्षित हैं-रेणूका चौधरी
यानी कुल मिलाकर कहें तो लालू यादव के बड़े खेल की खबर शायद कांग्रेस और बाकी सभी पार्टियों को है. इसलिए कांग्रेस अपने विधायकों को बचाने में लगीं है तो बीजेपी ये सवाल उठा रही है कि कांग्रेस तेलंगाना सरकार का पैसा अपने विधायक बचाने में लगा रही है.
हैदराबाद में बीजेपी के इस आरोप के जवाब में कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा, “उन्हें क्या मतलब है? हमारे विधायक को सुरक्षित हैं और उनकी खरीद-फरोख्त की राजनीति को नहीं चल पा रही है, इनकी तकलीफ ये है. हम तेलंगाना सरकार का पैसा नहीं खर्च कर रहे हैं. हम अपना पैसा खर्च कर रहे हैं.”
#WATCH हैदराबाद, तेलंगाना: झारखंड और बिहार कांग्रेस विधायकों को तेलंगाना स्थानांतरित किए जाने पर कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा, उन्हें क्या मतलब है? हमारे विधायकों को सुरक्षित हैं और उनकी खरीद-फरोख्त की राजनीति को नहीं चल पा रही है, इनकी तकलीफ ये है। हम तेलंगाना सरकार का… pic.twitter.com/HYlHn5BoN2
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यानी भले ही नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव और इंडिया गठबंधन से नाता तोड़ लिया है. लेकिन लालू यादव इतनी जल्दी हार मानने वाले नहीं है और 12 फरवरी तक बिहार की सरकार को कौन रहेगा और कौन नहीं इसको लेकर सस्पेंस बना रहने वाला है.
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