दरभंगा ( रिपोर्टर- सुभाष शर्मा) दरभंगा में श्यामा मंदिर में बलिप्रथा बंद कराने के मामले के बाद राधाकृष्ण बलदेव जी मंदिर Radhakrishna Baldev ji Temple को हड़पने को लेकर एक नया विवाद शुरु हुआ है . दरभंगा के शुभंकरपुर स्थित श्री राधाकृष्ण बलदेव जी मंदिर Radhakrishna Baldev ji Temple में इस्कान मंदिर के नाम पर उगाही करने का मामला सामने आया है.
![Radhakrishna Baldev ji Temple Drbhanga](https://thebharatnow.in/wp-content/uploads/2023/12/darbhaanga-radha-krishna-temple-1024x472.jpeg)
Radhakrishna Baldev ji Temple व्यवस्थापक दावा–मंदिर उनकी पैतृक जागीर
दरअसल दरभंगा के शुभंकरपुर ड्योढ़ी स्थित श्री राधाकृष्ण बलदेव मंदिर के मालिक और न्यायालय की ओर से श्री राधा कृष्ण बलदेव मंदिर न्यास के लिए नियुक्त व्यवस्थापक अनिल नंदन सिंह का दावा है कि ये मंदिर उनके पूर्वजो का है.18 व्यवस्थापक अनिल नंदन सिंह का दावा है कि ये मंदिर उनके पूर्वजो का है.95 ईo में इसका निर्माण हुआ था, जिसका उनके पास कागजी सबूत मौजूद हैं और इसी आधार पर उनको प्रांगण स्थित श्री राधा कृष्ण बलदेव मंदिर के मालिक की भी जिम्मेदारी प्राप्त है.
मंदिर के पुजारी ने मंदिर को बनाया असमाजिक तत्वों का अड्डा -आरोप
मंदिर के मालिक और व्यवस्थापक अनिल नंदन सिंह का कहना है कि इस मंदिर का मालिकाना हक के आधार पर उन्होंने बलदेव कृष्ण मंदिर की देखभाल के लिए 2021 में दो पुजारियों को इस मंदिर में सनातन धर्म के नियमों के मुताबिक पूजा पाठ और मंदिर की देखभाल के लिए नियुक्त किया था लेकिन पिछले कुछ महीनों से मंदर के पुजारियों ने इसे असमाजिक तत्वों का अड्डा बना दिया था जिसे देखते हुए दोनों पुजारियों को मंदिर से निकाल दिया गया. मंदिर प्रशासन के मुताबिक निकाले गये दो पुजारियों में से एक तो तुरंत वहां से निकल गया लेकिन दूसरे पुजारी ने बाहर जान से मना कर दिया. दूसरे पुजारी ने इस मंदिर को इस्कॉन बताकर लोगों से अवैध तरीके से उगाही की.
मंदिर पर मालिकाना हक के सारे कागजात मौजूद
श्री राधा कृष्ण बलदेव जी मंदिर के मालिक और व्यवस्थापक अनिल नंदन सिंह का कहना है कि उनके और मंदिर के पुजारियों के बीच हुए तमाम डील , नियुक्ति पत्र और निष्काषन के कागजात मौजूद हैं. इसके बावजूद निकाले गये पुजारी मंदिर अवैध तरीके से मंदिर पर कब्जा जमाना चाहते हैं. श्री राधा कृष्ण बलदेव जी मंदिर न्यास का ISKCON संस्था से न कोई मतलब है और न कोई सरोकार था. अनिल सिंह ने ही आरोप लगाया है कि मंदिर में मौजूद कथित पुजारी ने फर्जी तरीके से इस्कॉन मंदिर के नाम पर लोगों स उगाही कर रहा है.
आरोपी पुजारी ने मीडिया के समाने दिखाये कागजात
वहीं कथित इस्कॉन के पुजारी ने मीडिया के सामने अपने पक्ष को मजबूत दिखाने के लिए कोर्ट का हवाला दिया और मामले को टालता नजर आया. निकाले गये पुजारी के पासन तो कोई ठोस प्रमाण निकला ना ही कागजात , जिसके बल पर वो अपनी बात को सबित करता. कुल मिलकर ये मामला ये राधाकृष्ण बलदेव जी मंदिर फिलाहाल अदालती कार्रवाई में उलझता नजर आ रहा है.