सुप्रीम कोर्ट ने कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय सिंह की याचिका पर सुनवाई के लिए दिसंबर के दूसरे हफ्ते का समय तय किया है. कोर्ट ने AAP नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली की याचिका पर सोमवार को केंद्र और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) से जवाब मांगा है.
ईडी और केंद्र को 11 दिसंबर, 2023 तक जवाब देने को कहा गया है
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने 11 दिसंबर, 2023 तक संजय सिंह की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका के संबंध में केंद्र और ईडी से जवाब देने को कहा है.
हलांकि कोर्ट ने संजय सिंह की याचिका पर ये भी कहा कि उन्हें गिरफ्तारी को चुनौती देने के बजाए निचली अदालत में जमानत की याचिका डालनी चाहिए थी.
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि, अगर संजय सिंह अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर करते हैं तो इसे दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 अक्तूबर के फैसले में की गई टिप्पणी से स्वतंत्र माना जाना चाहिए.
20 अक्तूबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने क्या कहा था
आप को बता दें, आप नेता संजय सिंह को ईडी ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में 4 अक्तूबर को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद संजय सिंह को पहले ईडी की रिमांड और फिर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. आप सांसद ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए याचिका डाली थी. जिसपर उच्च न्यायलय ने याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि गिरफ्तारी कानूनी आधार पर ही हुई है. जिसके बाद अब सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
क्या है उत्पाद शुल्क नीति मामला
सीबीआई और ईडी के अनुसार, दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया, लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया और एल-1 लाइसेंस को सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना बढ़ाया गया. लाभार्थियों ने “अवैध” लाभ को आरोपी अधिकारियों तक पहुँचाया और पहचान से बचने के लिए अपने खाते की किताबों में गलत प्रविष्टियाँ कीं. दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को उत्पाद शुल्क नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे खत्म कर दिया.
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