Friday, September 20, 2024

Rahul Gandhi Belgium: वो (बीजेपी) भारत की 60% आबादी के नेता को महत्व नहीं देते हैं-राहुल गांधी

शुक्रवार को बेल्जियम के ब्रुसेल्स प्रेस क्लब में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने काफी संयम बरता. खासकर जी-20 बैठक को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि ये भारत के लिए बहुत गर्व की बात है. उन्होंने इसे एक अच्छा मौका भी बताया. हलांकि G 20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज का निमंत्रण राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन को नहीं बुलाए जाने के सवाल पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “इसमें विरोधाभास क्या है? उन्होंने विपक्ष के नेता को आमंत्रित नहीं करने का फैसला किया है. यह आपको कुछ बताता है. यह आपको बताता है कि वे भारत की 60% आबादी के नेता को महत्व नहीं देते हैं. यह कुछ ऐसा है जिसके बारे में लोगों को सोचना चाहिए – उन्हें ऐसा करने की आवश्यकता क्यों महसूस हो रही है और इसके पीछे किस प्रकार की सोच है.

विपक्षी गठबंधन-इंडिया-के नाम ने सरकार में डर पैदा कर दिया है

राहुल गांधी ने कहा कि, विपक्षी गठबंधन के नाम ‘इंडिया’ ने सरकार में डर पैदा कर दिया है. ‘इंडिया’ दर्शाता है कि हम कौन हैं. इससे पीएम इतने परेशान हो गए हैं कि वह देश का नाम बदलना चाहते हैं. यह दिलचस्प है कि हर बार जब हम अडानी और साठगांठ वाले पूंजीवाद का मुद्दा उठाते हैं, तो प्रधानमंत्री ध्यान भटकाने की एक नाटकीय नई रणनीति के साथ सामने आते हैं. अडानी पर मेरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के ठीक बाद, यह बदलाव लागू किया गया.

महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे के दृष्टिकोण के बीच की लड़ाई है

वहीं इंडिया और एनडीए के बीच बड़े फर्क की बात करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि, “हमारे देश के स्वभाव को बदलने का प्रयास किया जा रहा है. हमारे देश को राज्यों के संघ के रूप में वर्णित किया गया है, और हमारा मानना है कि हमारे संघ का सबसे महत्वपूर्ण पहलू इसके सदस्यों के बीच बातचीत है. यह महात्मा गांधी के दृष्टिकोण और नाथूराम गोडसे के दृष्टिकोण के बीच की लड़ाई है.
भाजपा का मानना है कि सत्ता को केंद्रीकृत किया जाना चाहिए, धन को केंद्रित किया जाना चाहिए और भारत के लोगों के बीच बातचीत को दबा दिया जाना चाहिए.”

मणिपुर और कश्मीर पर भी राहुल गांधी ने रखे अपने विचार

कश्मीर और मणिपुर पर अपनी राय रखते हुए राहुल गांधी ने कहा, कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. हमारी स्थिति स्पष्ट है. यह हमारे अलावा किसी और कि चिंता का विषय नहीं है. हलांकि उन्होंने कहा कि, यह महत्वपूर्ण है कि भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं की रक्षा की जाए और लोगों की आवाज की रक्षा की जाए.

वहीं मणिपुर पर राहुल ने कहा, मणिपुर में हम लोगों के बीच लोकतांत्रिक अधिकार, सद्भाव और शांति चाहते हैं. मैं उस उद्देश्य के लिए 4000 किमी चला. भारत में लोकतंत्र की लड़ाई हमारी जिम्मेदारी है और हम इसका ध्यान रखेंगे.’ विपक्ष यह सुनिश्चित करेगा कि हमारी संस्थाओं और स्वतंत्रता पर हमला रुके.

रुस पर भारत सरकार के रुख का किया समर्थन

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को रुस पर केंद्कर सरकार के रुख का समर्हाथन करते हुए कहा कि, भारत में विपक्षी दल, कुल मिलाकर रूस और यूक्रेन के संबंध में सरकार की स्थिति से सहमत हैं. पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच भारत द्वारा रूस से तेल खरीदना जारी रखने के बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा कि भारत एक बड़ा देश है और किसी भी देश के साथ संबंध बनाए रखना भारत का अधिकार है. राहुल गांधी ने कहा कि भारत के लिए रूस के साथ संबंध रखना सामान्य और स्वाभाविक है. राहुल गांधी ने कहा, विपक्ष का इस पर कोई अलग विचार नहीं है.

चीन पर क्या बोले राहुल गांधी

चीन को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, “चीन ग्रह का एक विशेष दृष्टिकोण प्रस्तावित कर रहा है. वे ‘बेल्ट एंड रोड’ का विचार मेज पर रख रहे हैं. चीनी ऐसा करने में सक्षम हैं क्योंकि वे वैश्विक उत्पादन का केंद्र बन गए हैं. मुझे हमारी ओर से कोई वैकल्पिक दृष्टिकोण आता नहीं दिख रहा है.
चुनौती यह है: क्या हम एक वैकल्पिक दृष्टिकोण प्रदान कर सकते हैं जहां हम राजनीतिक और आर्थिक स्वतंत्रता के साथ लोकतांत्रिक परिस्थितियों में उत्पादन कर सकें?

एक हफ्ते के यूरोप दौरे पर है राहुल गांधी

आपको बता दें गुरुवार को राहुल गांधी बेल्जियम के ब्रुसेल्स पहुंचे थे. राहुल गांधी का ये दौरा एक हफ्ते का है. वो यहां ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में सामिल होने आए है. राहुल गांधी के साथ दूरसंचार उद्यमी सैम पित्रोदा भी है, जो विभिन्न यूरोपीय देशों में गांधी के साथ सभी कार्यक्रमों में भाग लेंगे.
कांग्रेस के अनुसार, राहुल गांधी के ब्रसेल्स में यूरोपियन यूनियन के वकीलों, कुछ व्यवसायियों और मीडिया से बातचीत का कार्यक्रम है. इसके बाद वह पेरिस भी जाएंगे और फ्रांसीसी सांसदों के साथ बैठकें करेंगे. भारत लौटने से पहले उनकी आखिरी यात्रा नॉर्वे की होगी, जहां ओस्लो में उनके देश के सांसदों से मुलाकात करने की उम्मीद है.

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