कश्मीर में गुरुवार को बड़ा विवाद खड़ा हो गया जब यहां के विश्व भारती हायर सेकेंडरी स्कूल की कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें ‘अबाया’ पहनने के कारण स्कूल में प्रवेश नहीं दिया गया. (अबाया मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला एक ढीला-ढाला, पूर्ण लंबाई वाला वस्त्र है.) प्रदर्शनकारी छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रधानाचार्य ने उन्हें ‘अबाया’ के साथ स्कूल परिसर में प्रवेश नहीं करने के लिए कहा.
छात्राओं का कहना था कि, “हमें बताया गया है कि अगर हम अबाया पहनना चाहते हैं तो हमें एक मदरसा जाना चाहिए. हमें स्कूल के अंदर जाने की अनुमति नहीं थी.’
छात्रों का ये भी आरोप था कि स्कूल प्रशासन ने उन्हें कहा कि वे ‘अबाया’ पहनकर “स्कूल का माहौल खराब कर रही हैं.”
लोकेशन – श्रीनगर, कश्मीर
अल्लाह से ज्यादा प्यारी नही है की अबाया निकालु मैं।
मुस्लिम बच्चियों को (अबाया) हिजाब उतार के आने के लिए मजबूर किया जा रहा है
लड़कियों का साफ कहना है वहा गैर लड़के है हम कैसे उनके सामने जाए।#hijab #abaya https://t.co/H3YH58X7iu pic.twitter.com/cFDn39jkld— The Muslim (@TheMuslim786) June 8, 2023
आतंकी संगठन लश्कर ने दी स्कूल प्रिंसिपल को धमकी
इस बीच, आतंकवादी संगठनों ने हिजाब बैन को लेकर धमकी जारी की. ब्लैक लिस्टेड ब्लॉग kashmirfight.com पर एक ऑनलाइन पोस्ट में, जिसे लश्कर-ए-तैयबा और उसकी शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) के उग्रवादियों चलाते हैं, ने स्कूल के प्रिंसिपल को निशाना बनाने की चेतावनी दी थी. पोस्ट में, आतंकवादियों ने विश्व भारती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य सहित श्रीनगर में दो दूसरे स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को धमकी दी.
महबूबा मुफ्ती समेत राजनीतिक दलों ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
जैसे ही ‘अबाया’ प्रतिबंध के बारे में खबर फैली, मुस्लिम बहुल कश्मीर में लोगों ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी.
पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इसे संविधान द्वारा दी गई धार्मिक स्वतंत्रता की गेरंटी पर हमला करार दिया.
उन्होंने कहा, “जम्मू और कश्मीर गांधी के भारत को गोडसे के भारत में बदलने की बीजेपी की योजनाओं की प्रयोगशाला बन गया है.”
पिछले साल कर्नाटक में हिजाब मुद्दे का जिक्र करते हुए मुफ्ती ने कहा, ‘अब हम कश्मीर में भी ऐसा होता देख रहे हैं, हम इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे और इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया होगी. प्रतिबंध का आदेश धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”
वही, नेशनल कांफ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, “हिजाब पहनना व्यक्तिगत पसंद होना चाहिए और धार्मिक पोशाक के मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए.”
“मुस्लिम बहुल जम्मू और कश्मीर में ऐसी घटनाओं को देखना दुर्भाग्यपूर्ण है.” हिजाब हटाने की मांग करने वाला स्कूल प्रशासन अस्वीकार्य है. “हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं और तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की मांग करते हैं.”
स्कूल प्रशासन ने दी सफाई
वहीं हंगामा बढ़ता देख दोपहर बाद , स्कूल प्रशासन ने एक बयान जारी कर कहा कि ‘अबाया’ पर कोई प्रतिबंध नहीं है और इस मुद्दे को ‘गलत तरीके से पेश’ किया गया है.”
स्कूल की प्रिंसिपल ने कहा, “छात्राओं को अबाया नहीं पहनने के लिए निर्देशित नहीं किया गया है. ये आरोप निराधार है. और मामले को गलत तरीके से पेश किया गया है. ड्रेस कोड को लेकर स्कूल प्रबंधन हमेशा समाज के सभी वर्गों की भावनाओं का सम्मान करता है.”
प्रिंसिपल ने कहा, “अबाया पहनने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, लेकिन छात्रों को अबाया के नीचे स्कूल यूनिफॉर्म पहनने के लिए विनम्रता से बताया गया है.”
उन्होंने आगे कहा कि, “किसी भी मामले में अगर इससे छात्रों या अभिभावकों की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो वे इसके लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं. ”