बॉलीवुड के तार कहाँ कहाँ तक नहीं है. राजनेताओं से लेकर बड़े बड़े बिज़नेस मैन तक. यहाँ तक तो ठीक है मामला तब ज्यादा गरमा जाता है जब देश का मनोरंजन करने वाले सितारे देश के गद्दारों और दुश्मनों से हाथ मिलाने लगते हैं. फिर बात चाहे संजय दत्त और भगोड़े दावूद इब्राहिम के रिश्ते की हो या किसी और अभिनेता के दावूद कनेक्शन की लेकिन आज मामला कुछ और है आज हम आपको याद दिलाएंगे उस शक्श या उस हस्ती के बारे में जिसकी दोस्ती थी 26/11 के सबसे बड़े साजिश करता से और वो नाम है मशहूर फिल्म निर्माता महेश भट्ट के बेटे राहुल भट्ट.
तो जैसा की आपको बता है कड़े प्रयासों और लम्बे इंतज़ार के बाद 26 11 मुंबई अटैक के साजिश करता तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाया जा रहा है. तहव्वुर राणा डेविड हेडली का जिगरी दोस्त था जिसने भारत में लश्करे के आतंकियों के साथ मिलकर दहशत और आतंक का बीज बोया था.
उसी हेडली को लेकर भारत देश में तब भी घमासान मचा था जब भारत के सबसे बड़े फिल्म निर्माता में से एक महेश भट्ट के बेटे राहुल भट्ट के साथ जुड़े थे. दरअसल राहुल और मुंबई हमले के मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली की दोस्ती की खबरों ने देश में कोहराम मचा दिया था. इन सब के चलते महेश भट्ट को खुले मंच से कई बार चिल्ला-चिल्ला कर ये कहना पड़ा था कि उनके बेटे राहुल को पता ही नहीं था कि जो इंसान उसका दोस्त है वो एक आतंकवादी है. खबरों में तो ये भी था कि दोनों के बीच इतनी पक्की दोस्ती थी कि राहुल जहां उसमें अपने पिता की छवि देखते थे. वहीं, हेडली ने 26/11 हमले से पहले ही राहुल को मेल कर साउथ मुंबई की ओर न जाने की सलाह दी थी. ऐसा कर हेडली ने राहुल के लिए लश्कर के आतंकियों का हुकुम भी ठुकरा दिया था.
किताब में हुए कई खुलासे
राहुल भट्ट पर लिखी गई जर्नलिस्ट एस हुसैन जैदी की किताब ‘हेडली एंड आई’ में कई बातें सामने आई थी कि राहुल भट्ट को डेविड की स्टाइल और मिजाज काफी पसंद था. किताब कहती है कि राहुल भट्ट, हेडली के नापाक इरादों से बिल्कुल अंजान थे और उन दोनों की मुलाकात एक अमेरिकन जिम में हुई थी. अब क्योंकि राहुल जिम फ्रिक थे तो वो अमेरिका के एक जिम में गए जहाँ उनकी मुलाकात डेविड कॉलमैन हेडली से हुई. वो भी एक कॉमन फ्रेंड के ज़रिये जिसका नाम था विलास वरक. राहुल के मुताबिक डेविड को अरमानी सुइट्स काफी पसंद थे और इसलिए उन्हें लोग डेविड अरमानी कहते थे . डेविड अक्सर राहुल से हिंदी फिल्मों के बारे में बातें किया करता था. जिससे राहुल को लगता था कि वो भी बॉलीवुड का फैन है और इसी तरह डेविड और राहुल की दोती पक्की होती चली गई.
लेकिन इन सब के बीच डेविड के खतरनाक मंसूबों से राहुल हमेशा बेखबर रहा. एक इंटरव्यू में उसने बताया था कि उसे कभी शक तक नहीं हुआ कि वो एक आतंकवादी है. क्योंकि डेविड ने राहुल के सामने खुद को सेना के पूर्व रेंजर की तरह पेश किया था. आपको एक और खास बात बता दें कि महेश और राहुल के रिश्ते आपस में अच्छे नहीं थे, राहुल कई बार कह चुके थे कि उनके पापा उन्हें अपने बेटे की तरह प्रेम ही नहीं करते हैं लेकिन जब बाप ने बेटे के लिए लड़ाई लड़ी तो सारी नफरत प्यार में तब्दील हो गई.
हमले के बाद जब हेडली का नाम उस अटैक में आया तो राहुल की मुश्किलें बढ़ गई. उन्हें अरेस्ट किया गया पूछताछ की गई. लेकिन डेविड के जाल में सिर्फ राहुल नहीं फंसे थे बल्कि मामला तो तब और संगीन हुआ जब डेविड और राहुल के बीच तहव्वुर राणा की एंट्री हुई. राहुल ने इन दोनों की मुलाकात बॉलीवुड के 10 सितारों से कराई जिसमें जिसमें 2 अभिनेत्रियां भी शामिल थी.
राहुल के अलावा भी कई हस्तियों से था याराना
य़े भी पता चला है कि हेडली राहुल की मदद से सितारों की पार्टी सर्किल में आने-जाने लगा था. इसी तरह उसने कई सितारों से दोस्ती कर ली. ये सभी खुलासे NIA की जांच के दौरान हुए थे. इस बीच ये भी सुनने में आया था कि मुंबई हमलों के सह आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा ने राहुल भट्ट को लेकर एक फिल्म बनाने का लालच दिया था. शयद इसीलिए भी राहुल उनके जल में फंसता चला गया. ये बायत खुद डेविड कोलमैन हेडली ने शिकागो की एक अदालत में राणा के एटॉर्नी पैट्रिक डब्ल्यू ब्लेगन के सवालों के जवाब में यह बात कही.
हालांकि राणा इस योजना पर आगे नहीं बढ़ सका, क्योंकि यह लश्कर-ए-तय्यबा की विचारधारा के खिलाफ थी. गुट ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ था.
हेडली के सच से राहुल अंजान
राहुल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वे नहीं जानते थे कि हेडली आतंकवादी है. उनके अनुसार, वे जिस हेडली को जानते थे, वह एक अलग शख्स था, जिसे अच्छे कपड़े पहनना पसंद था, जो बच्चों और भारतीय महिलाओं से प्यार करता था. दाउद गिलानी जैसे मास्टर माइंड से जिसका कोई नाता नहीं था. इतना ही नहीं, राहुल की मानें तो वे उसे डेविड अरमानी के नाम से भी जानते थे, क्योंकि उसे अरमानी सूट बहुत पसंद थे. वह भारत के बारे में खाने से लेकर हर चीज को पसंद करता था. लेकिन वो नहीं जानते थे कि ये सब वो जानबूझकर प्रिटेंड कर रहा था और राहुल उसके जाल में फंस चुके थे.
इस मामले में वैसे अधिकारिक तौर पर कोई क्लीन चिट नहीं मिली है. वहीं हेडली कहां है इस बात की जानकारी आपकों दें तो वह मुंबई के 26 नवंबर 2008 के आतंकी हमले में सरकारी गवाह बनकर अमेरिका में राहत पा चुका है. वहीं बात तहव्वुर राणा की करें. तो बहुत जल्द उसे भारत लाया जायेगा और यहां देश के कानून के हिसाब से उसे सज़ा दी जाएगी. तो आज की इस वीडियो में ये जनकारी आपको किसी लगी हमें कमेंट कर जरूर बताएं