सोमवार को सुप्रीम कोर्ट अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद समिति द्वारा रमज़ान के महीने के दौरान वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वज़ू करने देने की अनुमति मांगने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया. कोर्ट ने 14 अप्रैल को सुनवाई की तारीख दी है. बता दें शीर्ष अदालत ने पिछले साल 11 नवंबर को उस क्षेत्र की सुरक्षा अगले आदेश तक बढ़ा दी थी जहां शिवलिंग पाए जाने का दावा किया गया था.
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ ने दी 14 अप्रैल की तारीख
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष ये मामला रखा गया था. मस्जिद समिति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने पीठ से मामले की जल्द सुनवाई करने का अनुरोध करते हुए कहा कि रमजान का महीना चल रहा है और पर्याप्त इंतजाम किए जाने चाहिए.
उन्होंने कहा कि वजू के पानी का इस्तेमाल ड्रम से किया जा रहा है और रमजान को देखते हुए नमाजियों की संख्या बढ़ गई है. CJI ने कहा कि इस मामले की सुनवाई 14 अप्रैल को बेंच द्वारा की जाएगी जिसमें जस्टिस सूर्यकांत भी शामिल हैं.
21 अप्रैल को हिंदू पक्ष की याचिका पर होनी है सुनवाई
आपको बता दें, 28 मार्च को, शीर्ष अदालत ने 21 अप्रैल को सुनवाई के लिए हिंदू पक्ष की एक याचिका को सूचीबद्ध किया था, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से संबंधित सभी मामलों को वाराणसी की अदालत के दायर में लने की मांग की गई थी.
खंडपीठ ने वकील विष्णु शंकर जैन की दलीलों पर ध्यान दिया था कि वाराणसी के जिला न्यायाधीश ने विवाद से संबंधित सभी दीवानी मुकदमों को एक साथ करने की याचिका पर पांच बार फैसला टाल दिया है.
शीर्ष अदालत ने पहले हिंदू पक्षकारों को ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले पर दायर सभी मुकदमों के इकट्ठा कर वाराणसी के जिला न्यायाधीश के समक्ष एक आवेदन दायर करने की अनुमति भी दी थी.
उसने सर्वेक्षण आयुक्त की नियुक्ति पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति की अपील पर हिंदू पक्षकारों को तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया था.
17 मई को कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया था
पिछले साल 17 मई के अपने आदेश में, शीर्ष अदालत ने दावा किए गए शिवलिंग के आसपास के क्षेत्र की सुरक्षा का निर्देश दिया था, साथ ही मुस्लिमों को मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति भी दी थी.
इसने कहा था कि अंतरिम आदेश तब तक लागू रहेगा जब तक कि जिला न्यायाधीश द्वारा मुकदमे का फैसला नहीं कर लेते, और फिर आठ और हफ्तों के लिए पीड़ित पक्षों को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की अनुमति दी जाती है.
वाराणसी के जिला न्यायाधीश अब मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों की दैनिक पूजा की अनुमति मांगने वाली महिलाओं के एक समूह की याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं. हिंदू पक्ष ने मस्जिद परिसर में दो बंद तहखानों का भी सर्वेक्षण कराने की मांग की है.
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