बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में गुरुवार को भी कार्यवाही शुरू होते ही जोरदार हंगामा शुरू हो गया है. माले के विधायक बेल में पहुंचकर हंगामा कर रहे हैं. यह हंगामा बीजेपी की तरफ से भ्रष्टाचार के मामले में सरकार पर सवाल पूछने को लेकर हुआ है.
दरअसल, विधानसभा (Bihar Assembly) के अंदर बीजेपी ने भ्रष्टाचार के मामले को लेकर बिहार सरकार पर हमलावर नजर आई. बीजेपी ने सरकार पर यह आरोप लगाया कि, राज्य के अंदर इस कदर भ्रष्टाचार हो रहा है कि लोगों का जीना मुश्किल हो गया है जिसके बाद राजद विधायक इसका विरोध करने लगे और उसकी ही सहयोगी पार्टी माले के विधायक वेल में उतर कर बीजेपी का विरोध जताने लगे. जब ये हंगामा हो रहा था तो बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी सदन में मौजूद थे. लेकिन उन्होंने इसको लेकर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं जाहिर की.
तमिलनाडु मामले में विजय सिन्हा से मांफी मांगने की मांग
इसके साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि सत्ता पक्ष ने नेता प्रतिपक्ष से तामिलनाडू मामले में माफी मांगने को कहा. माले विधायकों ने मांग उठाया कि तमिलनाडु की घटना में नेता प्रतिपक्ष ने अफवाह फैलाने की कोशिश की. फर्जी वीडियो के आधार पर दो राज्यों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश की गई. ऐसे में विजय सिन्हा माफी मांगें. इस पर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि किसी भी समय वे चर्चा को तैयार हैं. उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि मीडिया के सामने तमिलनाडु प्रकरण पर बहस करें. लेकिन, माले विधायक अपनी जिद पर अड़े रहे. स्पीकर के बार-बार कहने के बाद भी माले विधायक शांत नहीं हुए. इसके बाद माले विधायक वेल में पहुंच गए. तभी नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ये लोग भ्रष्टाचारी हैं ,भ्रष्टाचार से ध्यान हटाने को लेकर ऐसा कर रहे. सत्ता पक्ष के लोग वेल में पहुंच रहे, यह उचित नहीं है.
इसके बाद स्पीकर के समझाने पर वो शांत हुए तो भूमि राजस्व विभाग के सवाल पर बीजेपी के तरफ से हंगामा शुरू कर दिया गया.
माले के बाद बीजेपी विधायक पहुंचे वेल में
भूमि राजस्व विभाग पर हुए हंगामे में बीजेपी की तरफ से पार्टी के विधायक जीवेश मिश्रा बेल में आकर हंगामा करने लगे. इसके बाद स्पीकर ने बीजेपी के बेल में आने एवं हंगामा करने पर नाराजगी जताते हुए कहा की आसान पर दबाव देकर अपना बात मनवाना यह नहीं चलेगा. इसके बाद बीजेपी ने यह आरोप लगाया कि आसान के तरफ से गलत नाम पुकारता जाता है. इसके साथ ही साथ सरकार भी गलत जवाब देती है. आसन पर यह आरोप राम सिंह की जगह राम रतन सिंह बोलने को लेकर लगाया गया है. हालांकि, बाद में स्पीकर ने नाम में सुधार कर लिया था.
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