31 जनवरी से संसद का सत्र शुरु होने के एलान के साथ ही बजट (Budget 2023) को लेकर चर्चा भी आम हो गई है. हर साल की तरह इस बार भी मध्यमवर्ग वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से टैक्स में रियायत की उम्मीद कर रहा है. इसबीच रविवार को एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री ये कहकर कि “मैं भी मध्यमवर्ग से हूं, उनका दबाव समझती हूं” उनकी उम्मीद और बढ़ा दी है.
RSS की मैगजीन पांचजन्य के कार्यक्रम में दिया बयान
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मध्यमवर्ग को लेकर अपना बयान राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की मैगज़ीन पांचजन्य के एक कार्यक्रम में कहीं. वित्त मंत्री ने कहा “मैं भी मिडिल क्लास से हूं लिहाजा उनके ऊपर के दबाव को बखूबी समझती हूं. मैं खुद को मिडिल क्लास परिवार के रूप में पहचानती हूं तो मैं ये बात जानती हूं.” हलांकि इसके साथ ही वित्त मंत्री ने ये भी कहा कि उनकी सरकार ने मध्यम वर्ग पर कोई बोझ नहीं डाला है. निर्मला सीतारमण ने कहा “मोदी सरकार ने मिडिल क्लास के ऊपर कोई नए तरह के कर या टैक्स का बोझ नहीं डाला है. इसके अलावा 5 लाख रुपये तक की आय को भी टैक्स मुक्त रखा गया है.”
1 फरवरी को पेश होगा बजट
31 जनवरी के संसद का बजट सत्र (Budget 2023) शुरु होने वाला है. 1 फरवरी को मोदी सरकार अपना 10वां पूर्ण बजट (Budget Session) पेश करेगी. अगले साल यानी 2024 में लोकसभा चुनावों को देखते हुए ये बजट (Budget 2023) काफी अहम होने वाला है. इस साल 9 राज्यों में चुनाव भी है जिन्हें 2024 का सेमिफाइनल भी माना जा रहा है ऐसे में ये माना जाना लाज़मी है कि मोदी सरकार का ये बजट (Budget 2023) काफी लोकलुभावन रहने वाला है.
हलांकि अगर अर्थव्यवस्था की स्थिति पर नज़र डाले तो बजट (Budget 2023) को पॉपुलर बनाने की गुंजाइश काफी कम नज़र आ रही है. सरकार के सामने चुनाव की चुनौती है तो है लेकिन राजकोषीय घाटा, बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दे भी है जो सरकार को खज़ाना खोलने के फैसले से रोक सकते हैं.