इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि अपराधियों का रिकॉर्ड पोर्टल पर डाला जाए. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के प्रधान सचिव, गृह और पुलिस महानिदेशक को यह सुनिश्चित करने को कहा है. कोर्ट का कहना है कि इससे अदालती मामले में आरोपी के पूरे आपराधिक इतिहास की जानकारी हो सकेगी. अदालत ने कहा कि आज के डिजिटल युग के सब कुछ संभव है. इस समय से नहीं कहा जा सकता कि किसी व्यक्ति का आपराधिक इतिहास इकट्ठा नहीं किया जा सकता. और अगर पोर्टल अपडेट नहीं है, तो यह चिंता का विषय है.
ये निर्देश कोर्ट ने मृतक डकैत ददुआ के भाई पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया. इस मामले में सुनवाई के दौरान राज्य की ओर से उप-निरीक्षक ब्रह्मदेव गोस्वामी ने कोर्ट में दायर एक जवाबी हलफनामे में कहा था कि पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है.
जिसपर दूसरे पक्ष के वकील ने आपत्ति करते हुए, न्यायमूर्ति समित गोपाल को बताया कि आरोपी पर 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं.
इसपर कोर्ट ने बांदा के पुलिस अधीक्षक से पूर्व सांसद के आपराधिक रिकोर्ड को लेकर व्यक्तिगत शपथ पत्र जमा करने को कहा था. इस शपथ पत्र से खुलासा हुआ कि पूर्व सांसद पटेल पर वर्तमान में इस मामले समेत 27 मामले दर्ज हैं.