बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक पुराने मामले में सुनवाई करते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स को 1000 करोड़ का नोटिस जारी किया है. इस नोटिस को जारी करने के पीछे की वजह है एक बेटी की मौत . जिसकी वजह बनी कोरोना वायरस की वैक्सीन कोविशील्ड. जिसने एक तरफ जहाँ करोड़ों जान बचाई, वहीँ दूसरी तरफ इस वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट ने एक बेटी की जान ले ली. इस तरह का आरोप है याचिकाकर्ता दिलीप लुनावत का.
दरअसल दिलीप लुनावत ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि उनकी बेटी की मौत कोरोना वायरस की वैक्सीन कोविशील्ड के साइड इफेक्ट की वजह से हुई थी. जिसके चलते उन्होंने अपने नुकसान के लिए मुआवजे के रूप में 1000 करोड़ रुपए की मांग की है. हालाँकि ये मामला साल 2020 का है. जब सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बिल एंड मेलिंगा गेट्स फाउंडेशन के साथ एक डील की थी. इस डील के पीछे की ख़ास वजह थी कि भारत और दुनिया के दूसरे देशों के लिए कोविशील्ड टीकों की 100 मिलियन खुराक के निर्माण और उसे बांटने में तेजी लाई जा सके. याचिका में दूसरे आरोपियों में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया, डॉ वीजी सोमानी, ड्रग कंट्रोलर जनरल और एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया भी शामिल हैं.
याचिकाकर्ता दिलीप लुनावत औरंगाबाद के रहने वाले हैं. जिन्होने अदालत को बताया कि उनकी बेटी धमनगांव के एसएमबीटी डेंटल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर और सीनियर लेक्चरर थी. उन्होंने कहा कि संस्थान के सभी स्वास्थ्य कर्मियों को इसे लेने के लिए कहने के बाद उनकी बेटी को टीका लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था. जिसके बाद टीके के साइड इफेक्ट के कारण उसकी मौत हो गई.
याचिकाकर्ता ने ये भी कहा कि उनकी बेटी को आश्वस्त किया गया था कि टीके पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इससे उनके शरीर को कोई खतरा या साइड इफेक्ट नहीं होगा. लेकिन उस टीके ने उनकी बेटी की जान ले ली. इसीलिए दिलीप लुनावत ने अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अपने दावे को और मजबूत करने के लिए दिलीप लुनावत ने 2 अक्टूबर, 2021 के केंद्र सरकार के टीकाकरण के बाद होने वाली घटनाओं को लेकर जारी AEFI की रिपोर्ट को भी शामिल किया है.
अब देखना होगा कि इस मामले में अगे क्या होता है . सवाल ये भी कि क्या वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट से याचिकाकर्ता की बेटी की मौत अपने तरह की पहली घटना है. मामला दर्ज होने के बाद क्या और भी मामले देश के कोने कोने से सामने आएंगे ? बिलगेट्स और सीरम इंस्टिट्यूट के खिलाफ ये कानूनी जंग कहाँ तक जायेगी ?