LUCKNOW, उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य भर में तीन श्रेणियों में गाय की जनगणना का आदेश दिया है, जिसमें पशुपालकों के पास बेसराहा पशुओं, सड़कों पर छोड़ी गई गायों और कान्हा उपवनों की संख्या निर्धारित करना शामिल है.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जियो टैगिंग लागू करने का भी आदेश दिया. पहले चरण में इन गायों की गिनती की जाएगी. अगले चरण में, यह सुनिश्चित करने के लिए एक योजना तैयार और लागू की जाएगी कि गायों को उपयुक्त आवास प्रदान किया जाए, ”
दिसंबर के बाद सड़कों पर नहीं दिखेगी गाय-Yogi government
इस बीच यूपी के पशुपालन मंत्री ने दावा किया है कि इस साल दिसंबर के बाद कोई आवारा पशु सड़क पर नजर नहीं आएगा. उन्होंने कहा कि राज्य में जिलाधिकारियों को अभियान चलाकर खुली घूम रही गायों को ‘गो संरक्षण केंद्र’ पहुंचाने के लिए कहा गया है. यानी अब गाय आपको सड़कों पर घूमते हुए नहीं दिखेंगी.
yogi government ने 6943 गौ संरक्षण केंद्र खुलवाये
अगर बात यूपी में वर्तमान 6943 गो संरक्षण केंद्र हैं. जिनमें 12,11,247 गोवंश रखे गए हैं. इसके बावजूद सड़कों पर गाय दिखाई दे रही हैं. यूपी में 2017 में योगी सरकार बनने के बाद अवैध बूचड़खानों के खिलाफ सख्ती की गई. नतीजा ये हुआ कि गाय सड़कों और खेतों में आ गई. योगी सरकार ने गो आश्रय स्थल बनाए, जिसमें खुली घूम रही गायों को वहां पहुंचाया भी गया लेकिन अभी समस्या पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है.
2 महीने में सभी गाय होंगी सरकारी गोशाला में
सख्ती के बावजूद गाय सड़कों पर घूम रही हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि अब दो महीने के अभियान के बाद लोगों को इस समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अभी करीब ढाई लाख गोवंश सड़कों पर हैं. हालांकि सरकार भी मानती है कि हकीकत में ये संख्या दुगनी से ज़्यादा है.
लखनऊ नगर निगम ने शुरु किया गायों को पकड़ने का काम
लखनऊ में नगर निगम की करीब एक दर्जन टीम सड़कों पर हैं और गायों को पकड़कर गो संरक्षण केंद्र पहुंचाया जा रहा है. साल 2017 में यूपी में योगी सरकार बनने के बाद अब तक गाय संरक्षण में सरकार करीब 1900 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है.