लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में अग्निकाण्ड की दुर्घटनाओं में जन-धन की क्षति को न्यूनतम किये जाने के लिए और अधिक गम्भीरता से प्रयास किये जाने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि अग्निशमन इकाइयां सभी जरूरी उपकरणों सहित न्यूनतम समय में घटनास्थल पर पहुंचने के लिए प्रभावी प्रयास करना सुनिश्चित करें.
मुख्यमंत्री ने सख्त हिदायत दी है कि प्रदेश के सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों, होटलों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, अपार्टमेन्ट्स, निजी व सरकारी शिक्षण संस्थाओं आदि में अग्नि सुरक्षा के पुख्ता इन्तजाम किये जाएं. साथ ही, अग्नि सुरक्षा व्यवस्था की नियमित सघन जांच पड़ताल की जाये. उन्होंने अग्निशमन विभाग को आपदा प्रबन्धन एवं आपात सेवा के रूप में स्थापित किये जाने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया है.
प्रमुख सचिव, गृह संजय प्रसाद ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक फायर सर्विस को निर्देशित किया गया है कि वह अग्निकाण्ड से जुड़ी घटनाओं पर प्रभावी कार्यवाही हेतु एक सशक्त कार्ययोजना बनाकर शासन को तीन दिन में प्रस्तुत करें. पुलिस महानिदेशक फायर सर्विस से यह भी अपेक्षा की गई है कि वह शासन की प्राथमिकताओं के क्रम में अब तक हुई कार्यवाही की भी समीक्षा करें.
शासन द्वारा अग्निशमन एन0ओ0सी0 एवं अग्निसुरक्षा के संबंध में भी आवश्यक निर्देश भेजे गये हैं. प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थित सरकारी एवं निजी अस्पतालों, होटलों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, मॉल्स, अपार्टमेन्ट्स, निजी व सरकारी स्कूलों व कॉलेजों आदि में भी समुचित अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था हेतु मानक के अनुरूप कार्यवाही भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं.
शासन द्वारा अग्निशमन विभाग को और अधिक चुस्त-दुरूस्त बनाया गया तथा सभी जरूरी उपकरणों की व्यवस्था कराई गई है. फायर सर्विस में एनओसी पाने की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है. भारत सरकार द्वारा प्रसारित मॉडल फायर एण्ड इमरजेंसी सर्विस बिल 2019 का अंगीकरण किये जाने की भी कार्यवाही हुई है. तहसील मुख्यालयों पर अग्निशमन सेवा के अस्थाई संचालन का लक्ष्य भी शत-प्रतिशत पूर्ण करते हए सभी तहसील मुख्यालयों पर फायर टेण्डर मय स्टाफ स्थापित करा दिये गये हैं.