ब्राजील में लोकतंत्र खतरे में है. पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के समर्थकों ने ब्राजील (Brazil) की सुप्रीम कोर्ट, संसद और राष्ट्रपति भवन पर चढ़ाई कर दी है. बोल्सोनारो के समर्थक अपनी चुनावी हार मानने को तैयार नहीं है. वह देश के देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा का विरोध कर रहे हैं. ब्राजील से आ रही खबरों के मुताबिक वहां बोलसोनारो के समर्थक देश की राजधानी ब्राजीलिया में तोड़-फोड़ कर रहे है.
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बोलसोनारो के समर्थकों ने की संसद, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन में तोड़फोड़
मीडिया के मुताबिक, बोलसोनारो के समर्थक रविवार को ब्राजील (Brazil) की सेना द्वारा बनाए गए सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और प्रेसिडेंट हाउस में घुस गए और वहां तोड़फोड़ की. ट्वीटर पर ट्रेंड हो रहे ब्राजील (Brazil) के वीडियोज में ब्राजील के झंड़े में लिपटे बोल्सोनारो के समर्थकों को राष्ट्रपति भवन घेरते हुए देखा जा सकता है. जिनसे निपटने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.
खबर है कि वहां अबतक 200 से ज्यादा दंगाइयों को गिरफ्तार किया जा चुका है. संसद, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन के आसपास से सेना ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया है अब वहां स्थिति नियंत्रण में है.
All eyes need to be on Brazil right now. Democracy is completely under attack. Bolsonaro supporters are invading Congress, the presidential
palace, and realms of power in Brazil.
Unbelievable scenes.— Dr. Jennifer Cassidy (@OxfordDiplomat) January 8, 2023
सरकारी हथियार की लूट के बाद बुलाए गए राष्ट्रीय गार्ड
ख़बर ये भी है कि बोल्सोनारो के समर्थकों ने सरकारी हथियार भी चुरा लिए हैं. हथियार लूट के बाद राष्ट्रपति लूला ने इमरजेंसी पावर की घोषणा करते हुए राजधानी में राष्ट्रीय गार्ड बुला लिये. अपने एक बयान में राष्ट्रपति लूला ने बोल्सोनारो के समर्थकों की इस कार्रवाई को कट्टरपंथी फासीवादी करार दिया.
राजधानी में हिंसा फैलने के बाद बोल्सनारो ने रविवार की देर रात ट्विटर पर ट्वीट कर लिखा, शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतंत्र का हिस्सा हैं.
भारत ने कहा वो चुनी हुई सरकार के साथ
वही, ब्राजील (Brazil) के हालात पर पीएम मोदी ने भी प्रतिक्रिया दी. पीएम ने कहा “ब्रासीलिया में सरकारी संस्थानों के खिलाफ दंगे और तोड़-फोड़ की खबरों से बेहद चिंतित हूं. लोकतांत्रिक परंपराओं का सभी को सम्मान करना चाहिए. हम ब्राजील के अधिकारियों को अपना पूरा समर्थन देते हैं.”