वाशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा प्रोग्राम का बचाव कर कहा कि अमेरिका को कुछ खास उद्योगों के लिए विदेशी प्रतिभा की जरूरत है। एक इंटरव्यू के दौरान ट्रंप से पूछा गया कि क्या उनकी सरकार एच-1बी वीजा को कम प्राथमिकत देने जा रही है, इस पर ट्रंप ने जवाब दिया, आपको टैलेंट लाना ही होगा। इंटरव्यूकर्ता ने कहा कि हमारे पास पहले से बहुत टैलेंट है, इस पर ट्रंप ने दो टूक कहा कि नहीं, आपके पास नहीं है।
ट्रंप ने कहा, कुछ खास तरह की प्रतिभाएं यहां नहीं हैं। आप बेरोजगारों की कतार में खड़े किसी व्यक्ति को उठाकर नहीं कह सकते कि चलो, अब तुम मिसाइल फैक्ट्री में काम करो। लोगों को ये समझना होगा कि हर काम के लिए खास स्किल चाहिए।हालांकि, यह बयान तब आया है जब ट्रंप प्रशासन ने सितंबर में एच-1बी वीजा पर सख्ती की घोषणा की थी, जिसमें आवेदन शुल्क को बढ़ाकर 100,000 डॉलर कर दिया गया था।
इसके तहत, अमेरिकी श्रम विभाग ने 175 से ज्यादा इन्वेस्टिगेशन शुरू की हैं ताकि एच-1बी प्रोग्राम के दुरुपयोग की संभावनाओं को परखा जा सके। यह पहल प्रोजेक्ट फायरवॉल के नाम से चल रही है, जो उन कंपनियों को निशाने पर ले रही है जो इस वीजा सिस्टम का गलत फायदा उठाती हैं।
डीओएल सचिव लोरी शावेज-डीरीमर ने कहा, हम एच-1बी के दुरुपयोग को रोकने और अमेरिकी नौकरियों की रक्षा करने के लिए हर संसाधन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इसी बीच, फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसैंटिस ने राज्य के विश्वविद्यालयों में एच-1बी वीजा पर लगे कर्मचारियों को हटाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा, हम विदेशी कर्मचारियों को क्यों ला रहे हैं, जब हमारे अपने लोग ये काम कर सकते हैं? यह सस्ता श्रम का तरीका है।
वहीं, व्हाइट हाउस ने दोहराया कि राष्ट्रपति ट्रंप की प्राथमिकता अमेरिकी कामगारों को पहले मौका देना है। हालांकि, इस नीति के खिलाफ कई कानूनी चुनौतियां भी सामने आई हैं, जिनमें से एक मुकदमा यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ने दायर किया है। इसके अलावा, 31 अक्टूबर को पांच अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप को पत्र लिखकर 19 सितंबर के उनके आदेश पर पुनर्विचार करने की अपील की।
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