नवंबर के महीने में हुए भारत और अमेरिका के उत्तराखंड के औली में संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास के बाद चीन ने अपनी नाराज़गी दर्ज कराई है. ये युद्ध अभ्यास चीन की सीमा से करीब 100 किमी दूर हुआ था. अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने कांग्रेस में पेश एक रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी है. पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने अमेरिका को भारत के साथ अपने रिश्तों को लेकर दखल न देने की चेतावनी दी है. इसी कड़ी में चीन ने अमेरिकी अधिकारियों से भारत चीन सीमा विवाद से दूर रहने को कहा है.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी गणराज्य भारत से तनाव कम करना चाहता है ताकि भारत और अमेरिका नजदीक नहीं आ पाएं. यही वजह है कि चीन को अमेरिका की दखलअंदाजी पसंद नहीं आ रही है. चीन की मंशा भारत-चीन सीमा पर यथा स्थिरता कायम रखने की है. वो भारत के साथ उसके द्विपक्षीय संबंध के अन्य क्षेत्रों को गतिरोध से होने वाले नुकसान से बचाना है. चाइना के अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों को भारत के साथ चीन के संबंधों में हस्तक्षेप न करने की चेतावनी दी है.
भारत-चीन बातचीत में हुई न्यूनतम प्रगति-पेंटागन रिपोर्ट
पेंटागन की रिपोर्ट में अमेरिका ने चीन पर आरोप लगाए है कि चीन ने चीन-भारत सीमा पर एक खंड में 2021 के दौरान पीएलए ने सैन्य बलों की तैनाती को बनाए रखा. इसके साथ ही चीन एलएसी के पास बुनियादी ढांचे का निर्माण कार्य भी जारी रखे हुए है. रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले सालों में चीन-भारत के बीच सीमा विवाद को लेकर हुई बातचीत में न्यूनतम प्रगति हुई क्योंकि दोनों देश सीमा पर से कथित तौर अपने-अपने स्थान से हटने का विरोध करते रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन दोनों देश अन्य सैन्य बल की वापसी की मांग तो कर रहे हैं, लेकिन न तो चीन और न ही भारत इन शर्तों पर सहमत है. जिसके चलते दोनों देशों के बीच टकराव जैसी स्थिति बनी हुई है.