सियोल। सियोल की एक अदालत ने दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल की गिरफ्तारी को मंज़ूरी दे दी है। उन पर दिसंबर में मार्शल लॉ लागू करने से जुड़े आरोप हैं। अदालत ने विशेष अभियोजक के दावे को स्वीकार कर किया कि यून द्वारा सबूत नष्ट करने का खतरा है।
गौरतलब है कि अप्रैल में संवैधानिक अदालत ने यून पर चलाए गए महाभियोग को बरकरार रखा था, जिसके बाद उन्हें राष्ट्रपति पद से हटा दिया गया था। अब चार महीने बाद, वह सियोल के पास एक हिरासत केंद्र में लौट रहे हैं। इससे पहले, जनवरी में सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी रद्द कर दी थी, जिसके बाद मार्च में उन्हें इस केंद्र से रिहा कर दिया गया था। इससे उन्हें हिरासत में लिए बिना विद्रोह के मुकदमे का सामना करने की अनुमति मिल गई थी। यून का आपराधिक मामला अब एक विशेष अभियोजक द्वारा देखा जा रहा है। ये अभियोजक उनके निरंकुश रवैये से संबंधित अतिरिक्त आरोपों की जांच कर रहे हैं, जिनमें सत्ता का दुरुपयोग, सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी, और सरकारी कर्तव्यों में बाधा डालना शामिल है।
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