Trump Modi Relation , वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अपने एक बयान में भारत और रूस को ‘चीन के हाथों खो देने’ की बात कही थी. जिसने वैश्विक कूटनीति में हलचल मचा दी थी लेकिन अब उन्होंने अपने तेवर नरम करते हुए भारत के साथ रिश्तों को ‘खास’ बताया और कहा कि वह हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोस्त रहेंगे. भारत द्वारा रूस से तेल खरीद और टैरिफ विवाद के बीच ट्रंप का यह बयान दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है.
#WATCH | Washington DC | Responding to ANI’s question on resetting relations with India, US President Donald Trump says, “I always will, I will always be friends with Modi, he is a great Prime Minister, he is great… I just don’t like what he is doing at this particular moment,… pic.twitter.com/gzMQZfzSor
— ANI (@ANI) September 5, 2025
Trump Modi Relation : ट्रंप का बदला रुख
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत में भारत-अमेरिका संबंधों को ‘विशेष’ बताया. उन्होंने कहा- ‘मैं हमेशा नरेंद्र मोदी का दोस्त रहूंगा. वह एक शानदार प्रधानमंत्री हैं, भारत और अमेरिका के बीच एक खास रिश्ता है. चिंता की कोई बात नहीं है. यह बयान तब आया है जब हाल ही में ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा था कि ‘लगता है हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है.
टैरिफ विवाद पर तनाव
भारत और अमेरिका के बीच हाल के महीनों में रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं, खासकर तब से जब से अमेरिका ने भारत के रूस से तेल खरीदने के जवाब में 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया। ट्रंप ने इस मुद्दे पर अपनी निराशा जाहिर करते हुए कहा- ‘मुझे निराशा है कि भारत रूसी तेल खरीद रहा है। यह वैश्विक कूटनीति में गलत संकेत देता है। भारत ने इस टैरिफ को ‘अनुचित और अविवेकपूर्ण’ करार दिया और अपनी ऊर्जा जरूरतों और रणनीतिक स्वतंत्रता का बचाव किया है।
SCO समिट और ट्रंप की चिंता
ट्रंप का यह बयान चीन के तियानजिन में हाल ही में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट के बाद आया, जहां पीएम मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच गर्मजोशी भरी मुलाकात हुई. ट्रंप ने इस मुलाकात की एक तस्वीर अपने ‘ट्रुथ सोशल’ पोस्ट में साझा करते हुए लिखा- ‘लगता है हमने भारत और रूस को सबसे गहरे, अंधकारमय चीन के हाथों खो दिया है. इस पोस्ट ने अमेरिका की उस चिंता को उजागर किया कि भारत और रूस के बढ़ते रणनीतिक संबंध चीन के साथ करीबी की ओर इशारा कर सकते हैं.
भारत की कूटनीतिक रणनीति
भारत ने हमेशा अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता को प्राथमिकता दी है. रूस से तेल खरीद और SCO जैसे मंचों पर चीन के साथ बातचीत भारत की उस नीति का हिस्सा है, जिसमें वह किसी एक देश के प्रति पूरी तरह झुकने से बचता है. भारत का यह ‘संतुलन का खेल’ ट्रंप प्रशासन को खटक रहा है, क्योंकि अमेरिका चाहता है कि भारत पूरी तरह उसके खेमे में रहे. फिर भी, भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखेगा.
क्या रिश्ते फिर से पटरी पर आएंगे?
ट्रंप के ताजा बयान को भारत-अमेरिका संबंधों को सुधारने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा हैं हालांकि, टैरिफ विवाद और रूस के साथ भारत के संबंधों पर अमेरिका की आपत्तियां अभी भी बरकरार हैं. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है, लेकिन कृषि और डेरी जैसे क्षेत्रों में मतभेदों के कारण इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है.
अमेरिका में ट्रंप की आलोचना
ट्रंप के बयानों ने अमेरिका में भी बहस छेड़ दी है. रिपब्लिकन नेता निकी हेली और पूर्व NSA जेक सुलिवन जैसे लोगों ने ट्रंप प्रशासन को भारत जैसे मजबूत सहयोगी के साथ रिश्ते खराब करने के लिए आलोचना की है. भारत, रूस और चीन के बीच बढ़ती निकटता अमेरिका के लिए रणनीतिक चुनौती पेश कर सकती है.

