Thursday, December 19, 2024

Women reservation Bill: कांग्रेस ने कहा- PM मोदी ने चुनाव से पहले अबतक का सबसे बड़ा जुमला फेंका है

पिछले एक हफ्ते से महिला आरक्षण बिल को लेकर सरकार से समर्थन का वादा कर रहे विपक्षी दल लोकसभा में बिल पेश होने के बाद निराशा जताते नज़र आए. कांग्रेस ने तो सरकार के बिल को चुनाव से पहले फेंका गया सबसे बड़ा जुमला करार दे दिया है. वहीं पीडीपी ने बिल को मोदी सरकार का देर से लिया फैसला बताया तो महिला संगठन और सीपीएम ने बिल लेकर नखुश नज़र आए.

2029 तक लागू नहीं होगा आरक्षण

असल में बिल अगर संसद में पास भी हो गया तो वो 2029 चुनाव तक लागू नहीं हो पाएगा. सरकार ने बिल में साफ किया है कि महिला आरक्षण परिसीमन के बाद लागू होगा. यानी अभी पहले जनगणना होगी फिर परिसीमन और उसके बाद बारी आएगी महिला बिल की. कांग्रेस ने बिल की इसी बात पर तंज कसते हुए उसे जुमला करार दिया है.
कांग्रेस ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट कर लिखा है, “महिला आरक्षण बिल की क्रोनोलॉजी समझिए यह बिल आज पेश जरुर हुआ लेकिन हमारे देश की महिलाओं को इसका फायदा जल्द मिलते नहीं दिखता. ऐसा क्यों? क्योंकि यह बिल जनगणना के बाद ही लागू होगा. आपको बता दें, 2021 में ही जनगणना होनी थी, जो कि आज तक नहीं हो पाई. आगे यह जनगणना कब होगी इसकी भी कोई जानकारी नहीं है. खबरों में कहीं 2027 तो 2028 की बात कही गई है. इस जनगणना के बाद ही परिसीमन या निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण होगा, तब जाकर महिला आरक्षण बिल लागू होगा. मतलब PM मोदी ने चुनाव से पहले एक और जुमला फेंका है और यह जुमला अब तक का सबसे बड़ा जुमला है. मोदी सरकार ने हमारे देश की महिलाओं के साथ विश्वासघात किया है, उनकी उम्मीदों को तोड़ा है.”


दरवाजों पर महिलाओं के लिए अभी भी ‘नो एंट्री’ है- प्रियंका चतुर्वेदी

शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने महिला आरक्षण बिल पर कहा, “मैं उम्मीद करती हूं कि यह तुरंत लागू होगा लेकिन बिल में यह लिखा है कि यह परिसीमन के बाद ही लागू होगा. इसका यह मतलब हुआ कि यह आरक्षण 2029 तक लागू नहीं हो सकता. आपने दरवाजे तो खोल दिए हैं लेकिन दरवाजों पर महिलाओं के लिए अभी भी ‘नो एंट्री’ है”

देर आए, दुरुस्त आए, अच्छी बात है- महबूबा मुफ्ती

वहीं PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने महिला आरक्षण बिल पर कहा, “NDA की सरकार को 10 साल होने वाले हैं. अगर उन्होंने यह पहले ही किया होता तो 2024 के चुनाव में महिलाओं को बड़ी तादाद में भाग लेने का मौका मिलता. लेकिन देर आए, दुरुस्त आए, अच्छी बात है… देश की तरक्की में यह एक अहम कदम होगा.”

18वीं लोकसभा के गठन तक संसद में 1/3 महिलाएं नहीं होंगी- वृंदा करात

CPM नेता वृंदा करात ने महिला आरक्षण बिल पर कहा, “यह बिल सुनिश्चित करता है कि अगले परिसीमन अभ्यास तक महिलाएं चुनाव से वंचित रहें। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो 2024 के चुनावों और 18वीं लोकसभा के गठन तक संसद में 1/3 महिलाएं नहीं होंगी, कई विधानसभा चुनावों में 1/3 महिलाएं नहीं होंगी… क्या महिलाओं को मोदी सरकार द्वारा लाए गए इस बिल के लिए आभारी होना चाहिए? मैं कहूंगी कि बिल्कुल भी नहीं.”

OBC और मुसलमान महिलाओं के लिए कोटा नहीं रखा- ओवैसी

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिल का विरोध करने का एलान करते हुए कहा कि, “इसे पहले भी जब ऐसा बिल पेश हुआ था तब हमारी पार्टी ने इसका विरोध किया था… इस बिल में सबसे बड़ी कमी ये है कि इसमें OBC और मुसलमान महिलाओं के लिए कोटा नहीं रखा गया इसलिए हम इसके खिलाफ हैं.”


OBC महिलाओं का भी इसमें आरक्षण निर्धारित हो- डिंपल यादव

समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव ने महिला आरक्षण बिल पर कहा कि, “सरकार को 9 साल पूरे हो गए हैं. अगर इन्हें महिला आरक्षण बिल लाना था तो ये पहले ला सकते थे. ये इसे आखिरी साल में ला रहे हैं, जब चुनाव हैं…सपा ने हमेशा इसका समर्थन किया है और हम सभी चाहते हैं कि OBC महिलाओं का भी इसमें आरक्षण निर्धारित हो क्योंकि जो आखिरी पंक्ति में खड़ी महिलाएं हैं उन्हें उनका हक मिलना चाहिए.”


विपक्ष को तो हर बात में आलोचना करने की आदत है- रमा देवी

बीजेपी सांसद रमा देवी ने महिला आरक्षण बिल पर विपक्ष की नाराज़गी पर कहा, उन्हें तो हर बात में कमी नज़र आती है. सांसद ने कहा, “आज महिला आरक्षण बिल पेश हुआ और PM मोदी ने इसपर चर्चा की। बहुत समय से महिला आरक्षण बिल की प्रतीक्षा थी, आज यह प्रतीक्षा समाप्त हुई…:”

ये भी पढ़ें- Women’s Reservation Bill: लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश, विपक्ष ने नहीं दिया गया बिल, संसद 20 सितंबर तक स्थगित

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