उत्तराखंड:उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा टूटने Landslide से दर्जनों मजदूर अंदर फंस गए. जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की टीम रेस्क्यू कार्य में जुटी हुई है.इस टनल हादसे के संबंध में अपडेट देते हुए निर्माण एजेंसी नवयुगा कंस्ट्रक्सन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश पंवार ने बताया था कि टनल के अंदर 40 मजदूर फंसे हैं.बताया जा रहा है कि सिलक्यारा साइड से 179 मीटर आगे सुरंग का 65 मीटर हिस्सा टूटा है.लेकिन आज तीसरा दिन है. इस तीसरे दिन में क्या 40 जिंदगियां सुरक्षित बच पायेंगी.
Landslide के बाद 36 घंटे से चल रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन
सुरंग के निर्माण कार्य में 700-800 से अधिक मजदूर दिन-रात जुटे थे. उम्मीद थी कि फरवरी 2024 तक सुरंग आर-पार हो जाएगी. लेकिन भूस्खलन के बाद से 40 मजदूर सुरंग के अंदर फ़स गए.आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची है.उन्होंने बताया जहां भूस्खलन हुआ है वहां की मिट्टी बहुत सॉफ्ट है जिसकी वज़ह से यह हादसा हुआ.जेसीबी से मलबा हटाने का काम जारी है.आगर मशीन भी मंगवाई गई है जिस से मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए. टनल के अंदर उत्तराखंड, हिमाचल, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, झारखंड और ओडिशा के मजदूर फंसे हैं. टनल में जमे मलबे को मशीनरी की सहायता से हटाया जा रहा है.टनल में फंसे मजदूरों के परिजनों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है.36 36 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है
कल पीएम मोदी ने भी ली जानकारी
इस घटना की जानकारी के लिए देश के प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत की है.सीएम धामी ने राहत और बचाव कार्यों की विस्तार से जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री मोदी को डिटेल में सब बताया.उत्तराखंड सीएम धामी ने पीएम मोदी को बताया कि उन्होंने खुद मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया और बचाव-कार्यों पर लगातार नजर रख रहे हैं.बचाव कार्य देखने पहुंचे CM पुष्कर सिंह धामी ने बताया- सभी मजदूर सुरक्षित हैं, उनसे वॉकी-टॉकी के जरिए संपर्क किया गया है। खाना-पानी पहुंचाया जा रहा है. टनल में झारखंड के 15 मजदूर फसे हुए है. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने भी घटना की जानकारी मिलने पर मदद के लिए डेलिगेशन भेजने का फैसला किया है.