25 जुलाई 2022 ये वो दिन है जब भारत के नए और 15 वें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के संविधान की कसम खाई और देश के प्रति अपने दृण निश्चय का पालन करते हुए अपने शासन काल का आरम्भ किया.  क्या आप जानते हैं कि 25 जुलाई को ही क्यों राष्ट्रपति मुर्मू ने शपथ ली? जिस तरह हर होनी और अनहोनी के पीछे कोई वजह होती है क्या इसके पीछे भी कोई वजह है. तो आइये इस सवाल का जवाब आज आपको देते हैं.

दरअसल 25 जुलाई का दिन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. काफी वक्त से हर पांच साल बाद 25 जुलाई को भारत को नया राष्ट्रपति मिलता रहा है. ठीक ऐसे ही 2022 के 25 जुलाई को भारत की 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद की शपथ ली. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से हराकर ये जीत हासिल की है. इतिहास की बात करें तो 25 जुलाई को ही कई महन शख्सियतों को महान भारतवर्ष का राष्ट्रपति बनने का अवसर प्राप्त हुआ था.

हालाँकि ऐसा कहीं लिखित नियम नहीं है. इससे पहले भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, उनके उत्तराधिकारी सर्वपल्ली राधाकृष्णन, फिर जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद भी भारत के राष्ट्रपति रह चुके हैं . इनमे से राजेंद्र प्रसाद ने 25 जुलाई नहीं बल्कि 26 जनवरी 1950 को शपथ ली थी . जिस दिन भारत एक गणतंत्र बना था. फिर 1962 तक लगातार वो दो बार राष्ट्रपति बने.

लेकिन 1962 की 13 मई को राजेंद्र प्रसाद ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में सर्वपल्ली राधाकृष्णन को चुना और भारत के राष्ट्रपति का पदभार संभालने की ज़िम्मेदारी दी. 13 मई, 1967 तक राधाकृष्णन ही इस पद पर बने रहे. उनके बाद के दो राष्ट्रपति- जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद . अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके, क्योंकि उनकी मृत्यु हो गई, जिसका नतीजा ये निकला कि कार्यकाल के बीच में ही चुनाव हुए. भारत के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने तब पहली बार 25 जुलाई 1977 को शपथ ली.
उस दिन से आजतक जितने भी राष्ट्रपति रहे सबने अपना कार्यकाल का आरम्भ 25 जुलाई से किया और पूरा किया.

अब तक देश के कुल 8 राष्ट्रपतियों ने अपना कार्यकाल पूरा किया है. जिनके नाम कुछ इस प्रकार है

नीलम संजीव रेड्डी का कार्यकाल 25 जुलाई 1977 से लेकर 25 जुलाई 1982 तक रहा .
ज्ञानी जैल सिंह का कार्यकाल 25 जुलाई 1982 से 25 जुलाई 1987 तक रहा .
रामास्वामी वेंकटरमन का कार्यकाल 25 जुलाई 1987 से 25 जुलाई 1992 तक रहा.
शंकर दयाल शर्मा का कार्यकाल 25 जुलाई 1992 से लेकर 25 जुलाई 1997 तक चला .
केआर नारायणन का कार्यकाल 25 जुलाई 1997 से 25 जुलाई 2002 तक रहा.
एपीजे अब्दुल कलाम का कार्यकाल 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक रहा.
प्रतिभा पाटिल का कार्यकाल 25 जुलाई 2007 से 25 जुलाई 2012 तक रहा .
प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 25 जुलाई 2012 से 25 जुलाई 2017 तक रहा.
रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 25 जुलाई 2017 से 25 जुलाई 2022 तक रहा.
और अब 25 जुलाई को द्रौपदी मुर्मू देश के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली है .

भारत के इतिहास में कभी ऐसा दिन नहीं आया कि कोई भी दिन बिना राष्ट्रपति के बीता हो . राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होते ही के तुरंत बाद नए राष्ट्रपति को शपथ दिला दी जाती है. यही वजह है कि 25 जुलाई को राष्ट्रपति शपथ समारोह के लिए भी जाना जाता है.