बुधवार को बीएसपी प्रमुख मायावती ने एक के बाद एक 4 ट्वीट कर एक बार फिर ये साफ करने की कोशिश की कि वो आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में न ही I.N.D.I.A, और न ही NDA गठबंधन के साथ हाथ मिलाने वाली है. मायावती ने अपने ट्वीट में दोनों गठबंधनों को गरब विरोधी बताया और मीडिया से अपील की कि वो उनकी पार्टी के स्टेंड को लेकर फेक न्यूज़ फैलाना बंद कर दे.
मायावती ने अपने ट्वीट में क्या लिखा
मायावती ने अपने ट्वीट में जहां एक बार फिर एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधनों से बराबर दूरी रखने की बात को दोहराया वहीं उन्होंने मीडिया से बी अपील की कि वो उनकी पार्टी को लेकर फेक न्यूज़ न फैलाए.
1. एनडीए व इण्डिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियाँ हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज़।
— Mayawati (@Mayawati) August 30, 2023
मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज़.-मायावती
बीएसपी प्रमुख ने अपने एक के बाद किए गए चार ट्वीट में लिखा, “एनडीए व इण्डिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियाँ हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता. अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज़.”
“बीएसपी, विरोधियों के जुगाड/जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे/बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनके गठबंधन से सन 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा तथा चार राज्यों में विधानसभा का आम चुनाव लडे़गी. मीडिया बार-बार भ्रान्तियाँ न फैलाए.”
इंडिया गठबंधन पर किया वार
बीएसपी प्रमुख ने इंडिया गठबंधन पर वार करते हुए कहा कि, “वैसे तो बीएसपी से गठबंधन के लिए यहाँ सभी आतुर, किन्तु ऐसा न करने पर विपक्षी द्वारा खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं. इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर न मिलें तो भाजपाई. यह घोर अनुचित तथा अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसी.”
इमरान मसूद के पार्टी से निकाले जाने पर भी दी प्रतिक्रिया
अपने चौथे ट्वीट में मायावती ने इमरान मसूद को पार्टी से निकाले जाने के मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “इसके अलावा, बीएसपी से निकाले जाने पर सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस व उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं, जिससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों और फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे ?”
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