Jharkahnd Governer Santosh Gangwar , दिल्ली : बरेली से 8 बार के सांसद रहे संतोष गंगवार को केंद्र सरकार ने झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया है. संतोष गंगवार को हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने टिकट नहीं दिया था, जिसे लेकर बरेली और आसपास के कुछ इलाकों में बीजेपी को लेकर खासी नाराजगी थी. यहां तक कि कुर्मी बिरादरी पर अच्छा असर रखने वाले संतोष गंगवार को लोकसभा का टिकट ना मिलने पर बीजेपी को तीन सीटों पर नुकसान भी हुआ. बरेली की सीट पर भी संतोष गंगवार के प्रभाव का असर इस बात से जान सकते हैं कि खुद प्रधानमंत्री मोदी को इश इलाके में रैली करनी पड़ी, तब जाकर कहीं बीजेपी का उम्मदीवार वहां से चुनाव जीत पाया था. अब माना जा रहा है कि संतोष गंगवार को झारखंड का राज्यपाल बनाकर बीजेपी ने एक तीर से कई निशाने लगाये हैं.
Jharkahnd Governer Santosh Gangwar: पिछड़ा वर्ग को साधने की कोशिश
झारखंड में कुर्मी और पिछड़े वर्ग की अच्छी खासी संख्या को देखते हुए संतोष गंगवार को राज्यपाल का पद दिये जाने के ओबीसी और पिछड़ा वर्ग को साधने रुप में देखा जा रहा है. झारखंड में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और राज्य में कुर्मी और पिछड़ा वर्ग की अच्छी खासी संख्या को देखते हुए माना जा रहा है कि संतोष गंगवार की नियुक्ति से बीजेपी को चुनाव में अच्छा फायदा हो सकता है.
झारखंड में इंडिया ब्लाक की तरफ मुडा पिछड़ा वर्ग
पिछले लोकसभा चुनाव में झारखंड में पिछड़ी जाति का झुकाव इंडी गठबंधन (India Block) की ओर हो गया था. झारखंड की 81 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी अब कुर्मी समुदाय से संबंध रखने वाले राज्यपाल की नियुक्त करके एक संदेश देने की कोशिश करती नजर आ रही है.उत्तर प्रदेश में रुहेलखंड क्षेत्र के इलाके में गंगवार को बड़ा और प्रभावशाली ओबीसी समूह माना जाता है.बरेली लोकसभा क्षेत्र में इनके करीब 3 लाख से अधिक मतदाता हैं.
संतोष गंगवार का व्यक्तित्व
संतोष गंगवार बरेली लोकसभा क्षेत्र में विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं. 8 बार इस क्षेत्र से सांसद रहे गंगवार ने बरेली में 1968 में शहरी कोऑपरेटिव बैंक की स्थापना कराई और चेयरपर्सन के रूप में काम किया था. इस इलाके के चौपला रेलवे स्टेशन का निर्माण, , मिनी बाई पास, स्टेट आर्ट लाइब्रेरी इस इलाके के कई विकास के कामों का श्रेय संतोष गंगवार को जाता है. बीजेपी को उमीद है कि संतोष गंगवार के व्यक्तिगत और लंबे राजनीतिक अनुभव का फायदा झारखंड के चुनाव में जरुर मिलेगा. बीजेपी को उम्मीद है कि निचले और ओबीसी वर्ग के वोटरो के बीच फिर से उनकी बैठ बन सकेगी.