वाराणसी:ज्ञानवापी केस Gyanvapi Case को लेकर अब इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुलकर प्रतिक्रिया दी है.सीएम योगी ने कहा कि अपनी परंपरा को लेकर भारतीयों को गौरव की अनुभूति होनी चाहिए हमारी परंपरा और संस्कृति प्राचीन है. हम लोग इतिहास से परे हैं. हमको इतिहास के दायरे में कोई कैद नहीं कर सकता. हमारा इतिहास हजारों वर्षों का है.
Gyanvapi Case को लेकर ASI की रिपोर्ट के लिए कहा
सीएम ने आगे कहा कि अभी 500 साल बाद राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हुई है. लोगों के लिए उल्लास का विषय है.इसके आगे सीएम ने कहा कि अभी आपने देखा कि ज्ञान व्यापी केस को लेकर एएसआई की रिपोर्ट सामने आई है.वह रिपोर्ट क्या बताती है, बहुत कुछ आपके सामने उदाहरण प्रस्तुत करता है. राम हमारे पूर्वज हैं, कृष्णा हमारे पूर्वज हैं. एएसआई के मुताबिक वर्तमान में जो ढांचा है .इसकी पश्चिमी दीवार पहले के बड़े हिंदू मंदिर का हिस्सा है और पिलर की नक्काशीयों को मिटाने की कोशिश की गई .
मन्दिर के मिले अस्तित्व
उन्होंने आगे कहा हिंदू पक्ष के मुताबिक वह जो दलीलें दे रहा था.उसकी तस्दीक एएसआई के सर्वे में मिले सबूत करते हैं.इस सर्वे रिपोर्ट के कुछ अंश सामने आए हैं.जिन्होंने एक बार अयोध्या फैसले की याद दिला दी है. हिंदू पक्ष को उम्मीद है कि जिस तरह की कानूनी लड़ाई के बाद अयोध्या का फैसला उसके हक में आया उसी तरह से अदालत का फैसला भी उसके पक्ष में आएगा. सर्वेक्षण रिपोर्ट में मंदिर के अस्तित्व के पर्याप्त सबूत मिलने की बात कही गई है जिस पर मस्जिद का निर्माण किया गया था.
वकील विष्णु शंकर जैन ने की थी ASI सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक
ज्ञानवापी केस को लेकर बीते दिनों एएसआई की रिपोर्ट सामने आई. GPR सर्वे पर एएसआई ने कहा कि यहां पर एक बड़ा भावे हिंदू मंदिर था रिपोर्ट्स में मंदिर होने के 32 से ज्यादा प्रमाण मिले की बात कही गई है साथ ही यह भी बात सामने आई है कि मंदिर के खाबो को थोड़ा बहुत बदलकर नहीं ढांचे के लिए इस्तेमाल किया गया है.24 जनवरी को वकील विष्णु शंकर जैन ASI सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक किया.ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष ने कई दावे किए हैं.उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में सामने आया है कि ज्ञानवापी में पहले मंदिर था.