बीजेपी से टिकट कटने और पहले चरण के लिए नामांकन पूरा होने के बाद पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी Varun Gandhi ने पीलीभीत की जनता को एक पत्र लिखा है. बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने अपने कार्यकाल के अंत में लिखे इस पत्र में कहा, “…पीलीभीत के सांसद के रूप में मेरा कार्यकाल भले ही समाप्त हो रहा है, लेकिन मेरी आखिरी सांस तक पीलीभीत के साथ मेरा रिश्ता खत्म नहीं होगा… मैं आपका आशीर्वाद चाहता हूं, चाहे इसके लिए मुझे कोई भी कीमत चुकानी पड़े…मैं आपका था, हूं और रहूंगा.”
Varun Gandhi ने अपने पत्र में क्या लिखा पढ़ें
वरुण गांधी ने अपने पत्र में पीलीभीत की जनता से भावनात्मक रिश्ता होने की बात कही. उन्होंने लिखा,
“पीलीभीत वासियों को मेरा प्रणाम !
मार्च 28, 2024
आज जब मैं यह पत्र लिख रहा हूं, तो अनगिनत यादों ने मुझे भावुक कर दिया है. मुझे वो 3 साल का छोटा सा बच्चा याद आ रहा है जो अपनी मां की उँगली पकड़ कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था, उसे कहां पता था एक दिन यह धरती उसकी कर्मभूमि और यहां के लोग उसका परिवार बन जाएंगे.
मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे वर्षों पीलीभीत की महान जनता की सेवा करने का मौका मिला. महज एक सांसद के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक व्यक्ति के तौर पर भी मेरी परवरिश और मेरे विकास में पीलीभीत से मिले आदर्श, सरलता और सहृदयता का बहुत बड़ा योगदान है. आपका प्रतिनिधि होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है और मैंने हमेशा अपनी पूरी क्षमता से आपके हितों के लिए आवाज उठाई.
एक सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले समाप्त हो रहा हो, पर पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं हो सकता. सांसद के रूप में नहीं, तो बेटे के तौर पर सही, मैं आजीवन आपकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध हूँ और मेरे दरवाजे आपके लिये हमेशा पहले जैसे ही खुले रहेंगे. मैं राजनीति में आम आदमी की आवाज उठाने आया था और आज आपसे यही आशीर्वाद मांगता हूँ कि सदैव यह कार्य करता रहूं, भले ही उसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़े.
मेरा और पीलीभीत का रिश्ता प्रेम और विश्वास का है, जो किसी राजनीतिक गुणा- भाग से बहुत ऊपर है. मैं आपका था, हूं और रहूँगा .
वरुण गांधी”
बीजेपी ने नहीं दिया टिकट तो कांग्रेस ने दिया न्योता
2014 और 2019 में पीलीभीत से बीजेपी सांसद रहे वरुण गांधी का पत्ता इस बार साफ हो गाया उनकी जगह बीजेपी ने उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को टिकट दे दिया. कहा जाता है कि वरुण गांधी के केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ लगातार मुखर होना उनके टिकट काटे जाने की वजह बना. टिकट काटे जाने के बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि वरुण निर्दलीय चुनाव लड़ सकते है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने तो वरुण को पार्टी में शामिल होने तक का न्योता दे दिया था. लेकिन वरुण खामोश रहे. लेकिन अब अपने पत्र में उन्होंने अपने पत्र में जनता की आवाज़ उठाने की कीमत चुकाने की बात लिख साफ कर दिया है कि उन्हें मोदी सरकार के खिलाफ बोलने की सज़ा मिली है. हलांकि वरुण गांधी ने ये साफ नहीं किया की वो आगे क्या कदम उठाएंगे.
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