वाराणसी
ज्ञानवापी परिसर को लेकर चल रहे मामले के बीच मुकदमे की पैरवी कर रहे विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जीतेन्द्र सिंह विशेन ने इस मामले की पूरी पावर ऑफ अटर्नी यूपी सीएम योगी के नाम करने की पेशकश की है.जानकार बता रहे हैं कि विशेन की ये कवाय़द अपने उपर लग रहे आरोपों से बाहर निकलने के लिए हो सकती है.
ज्ञानवॉपी परिसर से संबंधित मुक़दमें जो विश्व वैदिक सनातन संघ द्वारा संचालित किये जा रहे है उसकी पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) गोरखनाथ मंदिर के गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ को सौंपने की बात कही जा रही है.विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जीतेन्द्र सिंह विशेन इस आशय का एक पत्र गोरक्षा पीठ के महंत योगी जी के नाम भेजा है. उन्होंने अपने और अपने पूरे परिवार को जान का खतरा बताते हुए महंत योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया है कि जल्द ही वो मिलने का समय दे या अपने किसी प्रतिनिधि से मिलने का समय दे. जीतेन्द्र सिंह की तरफ से यह भी अनुरोध किया गया है की विश्व वैदिक सनातन संघ के 2 वर्षों का बैंक अकाउंट के स्टेटमेंट भी वे साझा करना चाह रहे है.
सीएम योगी को लिखें पत्र में विशेन की तरफ से लिखा गया है की विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विशेन और पत्नी किरन सिंह विशेन की पैतृक संपत्ति को छोड़ कर बाकी पूरी अचल संपत्ति भी महंत योगी आदित्यनाथ को सौंपी जाएगी.
गौरतलब है की यही वो जीतेंद्र सिंह विशेन है जो ज्ञानवॉपी मामले से जुडी बाकि चार वादिनियों की पॉवर आफ एटार्नी प्राप्त करने के तमाम प्रयास कर चुके है.इन्होंने ही ज्ञानवॉपी का मामला ज़ब पीक पर था तो मुक़दमे से राखी सिंह का नाम वापस लेने की घोषणा कर दी थी लेकिन जब इनके ऊपर ज़ब मुस्लिम पक्ष से पैसे लेने के आरोप लगने लगे तो किसी तरह मुकदमा वापस नहीं लेने की घोषणा की.
उसी मामले के बाद इनकी समर्थित वादी राखी सिंह और अन्य चार वादिनियों के बीच दरार पड़ गयी. उसी मामले के बाद जीतेन्द्र सिंह विशेन की तरफ से ज्ञानवॉपी के मुक़दमे को कमजोर करने के आरोप भी लगते रहे है.
जानकारो का मानना है कि विशेन ये सारी कवायद फिर से चर्चा में रहने और प्रदेश के मुखिया का कृपा पात्र बनने के लि एकर रहे हैं.