उत्तर प्रदेश के वाराणसी के दर्दनाक कहानी सामने आई है. यहां दो बहने अपनी मां के शव के साथ करीब एक साल से रह रही थी. घटना मदरवन इलाके की है. 27 वर्षीय पल्लवी और 18 वर्षीय वैष्णवी की मां का देहांत पिछले साल दिसंबर में हो गया था.
पिछले साल दिसंबर में हुआ था मां का देहांत
वाराणसी के मदरवन में दो महिलाएं अपनी मां के शव के साथ रहती हुई पाई गई हैं. गुरुवार को एक पुलिस अधिकारी ने बताया की दोनों महिलाओं की मां की मृत्यु पिछले साल दिसंबर में हो गई थी. पुलिस ने कहा कि मां की मृत्यु के बाद 27 वर्षीय पल्लवी और 18 वर्षीय वैष्णवी ने किसी को सूचित करने या अंतिम संस्कार करने के बजाय 52 वर्षीय उषा तिवारी के शव को रजाई के नीचे रख दिया. मामला तब सामने आया जब महिला की बहन और जीजा उपासना और धर्मेंद्र चतुर्वेदी बुधवार को उनके घर आए. बेटियों ने मेहमानों को अंदर आने से मना कर दिया. जिसके बाद जीजा ने पुलिस को सूचना दी.
दरवाजा तोड़ घर में दाखिल हुई पुलिस
घटना के बारे में जानकारी देते हुए स्थानीय पुलिस अधिकारी शिवाकांत मिश्रा ने कहा कि पुलिस ने जब दरवाजा तोड़ा तो उन्हें उषा तिवारी का शव मिला. उन्होंने कहा कि बेटियों ने उन्हें बताया कि उनकी मां की बीमारी से मौत हो गई और उनके पास उनके शव का अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे नहीं हैं. मिश्रा ने कहा कि पल्लवी के पास मास्टर डिग्री है जबकि वैष्णवी हाई स्कूल की छात्रा है.
फिलहाल मौसी के पास है दोनों बेटियां
पुलिस उपायुक्त आरएस गौतम ने कहा कि फिलहाल पल्लवी और वैष्णवी उपासना और धर्मेंद्र चतुर्वेदी के साथ हैं. पुलिस उषा तिवारी का पोस्टमार्टम करा रही है.
पुलिस ने बताया कि पल्लवी और वैष्णवी के पिता रामकृष्ण पांडे लखनऊ में रहते हैं. उषा तिवारी एक सौंदर्य प्रसाधन की दुकान चलाती थीं, जो उनकी आमदनी का एकमात्र स्रोत था. कोविड-19 महामारी के दौरान दुकान बंद हो गई थी.
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