चिन्यालीसौड़। सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन Tunnel Collapse से आए मलबे को हटाने में 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मलबे को हटाने के लिए स्विट्जरलैंड की कंपनी से मदद मांगी गई थी, जिसने 20 करोड़ की कार्ययोजना (डीपीआर) तैयार की है। मलबा हटाने का काम तीन-चार दिन में शुरू होगा।
Tunnel Collapse की घटना पिछले साल हुई थी
पिछले साल 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग में भूस्खलन से सुरंग में काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें 17 दिन बाद सुरक्षित निकाल लिया गया था। हादसे के बाद ढाई महीने से अधिक समय तक सुरंग का निर्माण ठप रहा। 23 जनवरी को केंद्र ने एनएचआईडीसीएल को निर्माण शुरू करने की अनुमति दी, जिसके बाद बड़कोट से निर्माण शुरू हुआ।
नवयुग कंपनी ने शुरू की तैयारी
सिलक्यारा छोर से भूस्खलन के मलबे से निर्माण शुरू नहीं हो पाया। निर्माण शुरू करने के लिए सुरंग में रिसाव से जमा पानी की निकासी शुरू की गई, जिसके बाद अगली चुनौती भूस्खलन का मलबा हटाने की है। निर्माणदायी कंपनी नवयुगा ने तैयारी शुरू कर दी है। मलबा हटाने के लिए स्विट्जरलैंड की कंपनी से तकनीकी मदद मांगी गई थी, जिसने मलबा हटाने के लिए करीब 20 करोड़ की डीपीआर तैयार की है।