देहरादून: बुधवार को उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पारित हो गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के बिल पास कराने के बाद अब उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.
जय श्री राम के नारों के साथ मनाया जश्न
विधानसभा में बिल पास होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और बीजेपी विधायकों और मंत्रियों ने उत्तराखंड विधानसभा में जश्न मनाया और मिठाइयां बांटीं. विधायकों ने जय श्री राम के नारे लगाए वहीं दोपहर में विधानसभा के बाहर बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं ने भी बिल पेश होने की खुशी में नाच गाकर जश्न मनाया
#WATCH देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा पेश समान नागरिक संहिता 2024 विधेयक आज सदन में पारित होने पर उत्तराखंड विधानसभा के विधायकों ने जश्न मनाया और मिठाइयां बांटीं। pic.twitter.com/yyV1O3t8au
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 7, 2024
उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पारित होने पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया.
#WATCH देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पारित होने पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया। pic.twitter.com/xgw3xAP2Ak
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ऐसे समाज का निर्माण करें जो बिना किसी भेदभाव के समान और समृद्ध हो-धामी
विधानसभा में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी पर बोलते हुए कहा, ”संविधान के सिद्धांतों पर काम करते हुए हमें समान नागरिक संहिता की जरूरत है… अब समय आ गया है कि हम वोट बैंक की राजनीति और राजनीतिक व्यक्तिगत लाभ से ऊपर उठें और एक ऐसे समाज का निर्माण करें जो बिना किसी भेदभाव के समान और समृद्ध हो…”
#WATCH देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी पर बोलते हुए कहा, ”संविधान के सिद्धांतों पर काम करते हुए हमें समान नागरिक संहिता की जरूरत है… अब समय आ गया है कि हम वोट बैंक की राजनीति और राजनीतिक व्यक्तिगत लाभ से ऊपर उठें और एक ऐसे समाज का निर्माण करें… pic.twitter.com/79N0PojgNT
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उन्हें (सरकार को) इंतजार करना चाहिए था ताकि चर्चा हो सके- कांग्रेस
वहीं यूसीसी पर उत्तराखंड विधानसभा में कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना था कि, “…मसौदा पेश करने के बजाय सीधे विधेयक पेश किया गया. 2 घंटे में चर्चा शुरू हो गई लेकिन हमने दोनों दिन चर्चा में भाग लिया. हमारे विधायकों ने सुझाव दिए और कुछ आपत्तियां भी उठाईं. सरकार से कमियां दूर करने के लिए भी कहा गया… .इन खामियों को संशोधित करने का एकमात्र तरीका यह था कि इसे प्रवर समिति के पास भेजा जाए और मसौदे की जांच के बाद इसे वापस सदन में लाया जाए, फिर से चर्चा की जाए और फिर इसे विधेयक का रूप दिया जाए… मुख्यमंत्री ने अपने उत्तर भाषण में भी कहा है कि यदि कहीं जरूरत होगी तो हम संशोधन करेंगे…”
#WATCH देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पारित किया गया।
राज्य के LoP और कांग्रेस विधायक यशपाल आर्य ने कहा, ”…मसौदा पेश करने के बजाय सीधे विधेयक पेश किया गया। 2 घंटे में चर्चा शुरू हो गई लेकिन हमने दोनों दिन चर्चा में भाग लिया। हमारे… pic.twitter.com/NGz0npjApJ
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मुस्लिम सांसदों और संगठनों ने कहा-यूसीसी सिर्फ हिंदू कोड बिल
उत्तराखंड विधानसभा में पेश किए गए यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल Uttarakhand Uniform Civil Code Bill पर मुसलिम संगठनों और सांसदों ने सवाल उठाते हुए उस सिर्फ हिंदू कोड बिल करार दिया. एआईएमआईएम (AIMIM) के सांसद और वकील असदुद्दीन ओवैसी ने तो बाकायदा एक पोस्ट लिख बिल के समान होने पर ही सवाल खड़ा कर दिए है उन्होंने पूछा है कि “क्या कोई कानून एक समान हो सकता है यदि वह आपके राज्य के अधिकांश हिस्सों पर लागू नहीं होता है?” असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया है कि बिल के दायरे से हिंदू अविभाजित परिवार को क्यों बाहर रखा गया है. आदिवासियों को बाहर क्यों रखा गया है? यदि एक समुदाय को छूट दे दी जाए तो क्या यह एक समान हो सकता है? वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने धामी सरकार पर आरोप भी लगाया कि उसने ये बिल इसलिए पेश किया है क्योंकि उत्तराखंड की वित्तीय स्थिति ख़राब है.
वहीं जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने भी सवाल किया है कि जब बिल के दायरे से आदिवासियों को बाहर रखा गया है तो मुसलमानों को क्यों नहीं
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