उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath) में हो रहा भूधसाव देश-दुनिया में चिंता का विषय बनता जा रहा है. इस भूधसाव के चलते 20 हड़ार से ज्यादा आबादी खतरे में आ गई है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज (शनीवार) को जोशीमठ (Joshimath) का दौरा करने वाले हैं. इस बात की जानकारी नगर निगम अध्यक्ष शैलेन्द्र पवार ने दी. शैलेंद्र पवार ने कहा, “इस आपदा से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. सीएम पुष्कर सिंह धामी आज (शनिवार) यहां आपदा की समीक्षा के लिए आ रहे हैं. हमें उम्मीद है कि वह आपदा से राहत देने का काम करेंगे.”
वहीं मुख्यमंत्री के दौरे की जानकारी देते हुए चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि “जोशीमठ (Joshimath) में जहां भी भूधसाव हो रहा है वहां आज (शनिवार) को मुख्यमंत्री का दौरा प्रस्तावित है. हमने जोशीमठ में स्थानीय हालातों को देखते हुए अग्रिम आदेश तक सभी तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है.”
ये भी पढ़ें- Caste Census: पटना से शुरु हुई जातीय जनगणना, सीएम ने कहा आकड़े आने के बाद “अब सबका होगा विकास”
जोशीमठ भूधसाव की घटना से साधु-संत नाराज़
जोशीमठ (Joshimath) में हो रहा भू-धसाव पर ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्ततेश्वरानन्द ने गंभीर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि “हिमालय क्षेत्रों में विकास के नाम पर सुनियोजित विनाश किया जा रहा है. आज इसी का नतीजा है कि भारतीय संस्कृति का प्रमुख केंद्र जोशीमठ में हजारों लोगों का जीवन खतरे में है.” शंकराचार्य ने उत्तराखंड सरकार से मांग की है कि जोशीमठ (Joshimath) में खतरे कि जद में आये सभी परिवारों के जानमाल की सुरक्षा के साथ ही उनके लिए एकमुश्त राहत पैकेज घोषित किया जाये. उन्होंने यह भी कहा कि चार धाम से एक प्रमुख केंद्र भगवान बद्रीनाथ जी का जोशीमठ के नरसिंघ मंदिर में विराजमान विग्रह और ज्योतिषपीठ भी खतरे में है, इनका भी जोशीमठ से पुनर्वास किया जा सकता है. इसी के साथ भगवान बद्रीनाथ के विग्रह के शीतकालीन प्रवास का स्थान नरसिंघ मंदिर और आदि जगतगुरु शंकराचार्य चार पीठों में से उत्तर भारत कि पीठ ज्योतिषपीठ के भी धरती में समा जाने कि आशंका जताई जा रही है. भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पूरा शहर ही खतरे कि जद में आ गया है.
जोशीमठ के 561 घरों में आई दरारें
आपको बता दें जोशीमठ (Joshimath) में कथित तौर पर निर्माण कार्यों के कारण इलाके के 561 घरों में दरारें आ गई है. जिसके बाद घबराए लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया. स्थानीय लोगों का कहना है कि एनटीपीसी के हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की वजह से ही यह मुसीबत आई है. जोशीमठ (Joshimath) में घर ही नहीं, होटल और ऑफिस, सब में दरार नज़र आ रही है.