लोगों को उनके घर के पास ही सही इलाज और मेडिकल सलाह मिल सके इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य में 700 से ज्यादा शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र बनाने की तैयारी कर रही है. इस बारे में जानकारी दी लखनऊ के जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी योगेश रघुवंशी ने. रघुवंशी ने कहा “जहां यूएचडब्ल्यूसी खोले जाएंगे उन इलाकों की पहचान कर ली गई है. हम जल्द किराए के लिए विज्ञापन जारी करेंगे.”
लखनऊ में होंगे 108 यूएचडब्ल्यूसी
आपको बता दें इन 700 में से सिर्फ लखनऊ में 108 शहरी स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र खोले जाने हैं. इन केंद्रों पर 14 डायग्नोस्टिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. इसके साथ ही मेडिकल स्टाफ के प्रशिक्षित होने के बाद यहां सर्वाइकल कैंसर की जांच का भी इंतजाम होगा.
विशेषज्ञों से परामर्श की सुविधा भी होगी
सरकार के अधिकारी ने बताया कि इन यूएचडब्ल्यूसी में टेली-मेडिसिन सुविधाएं भी होगी. जिसका मतलब ये है कि मुश्किल केस में डॉक्टर प्रमुख संस्थानों में बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से टेली-क़ॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा परामर्श भी कर सकेंगे. इसके साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जारी आदेश में कहा गया है कि, “अगर विशेषज्ञ डॉक्टर ऐसे किसी जांच की सलहा देते है जो यूएचडब्ल्यूसी में नहीं हो सकता तो मरीज़ का सेंपल जमा करने की जिम्मेदारी यूएचडब्ल्यूसी की ही होगी.”
ऐसे होगा यूएचडब्ल्यूसी के लिए जगह का चयन
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बताया कि, यूएचडब्ल्यूसी बनाने के लिए जगह का चयन शहरी क्षेत्रों, झुग्गी-झोपड़ियों / कमजोर क्षेत्रों और जहां प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा नहीं होगी वहाँ किया जाएगा.
डॉ अभिषेक शुक्ला जो एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल डॉक्टर्स के महासचिव है ने बताया कि, “यूएचडब्ल्यूसी उन क्षेत्रों में खोले जा रहे हैं जहां प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा नहीं है। इसलिए, इन क्षेत्रों में लोगों की चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच बढ़ेगी और उन्हें जिले की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। बुनियादी चिकित्सा सलाह और निदान के लिए अस्पताल, जिससे बड़े अस्पतालों पर बोझ कम हो।”
यूएचडब्ल्यूसी में क्या-क्या होगा
तो आपको बता दें सरकार के इन यूएचडब्ल्यूसी में एक ओपीडी रूम होगा. इसके अलाव टीकाकरण के लिए एक कमरा और एक कमरा प्रतीक्षा और पंजीकरण के लिए होगा. इसके अलावा एक स्वास्थ्य कक्ष और एक अलग डे केयर रूम भी होगा.
सरकार ने इन कमरों का क्षेत्रफल भी निर्धारित किया है. ओपीडी कमरा 100 वर्ग फुट का होगा. तो प्रतीक्षालय और पंजीकरण 210 वर्ग फुट होगा. आपको बता दें यूएचडब्ल्यूसी उस जिलों में खोला जाएगा जहां शहरी आबादी 50,000 से ज्यादा होगी.