Friday, November 8, 2024

Saras found :मिल गया आरिफ का लापता सारस, जंगल से उड़कर पहुंचा बी सैया गांव, अखिलेश ने गांव के लोगों को कहा धन्यवाद

अमेठी : आखिर आरिफ का सारस मिल गया. उत्तर प्रदेश के अमेठी के आरिफ और उनका सारस आजकल चर्चा के केंद्र में है. कहानी ये है कि आरिफ नाम के आदमी को एक घायल सारस खेत में मिला. आरिफ को सारस पर दया आ गई, वो उसे घर ले आए मरहम पट्टी की और सारस ठीक हो गया. अब बाकी आई सारस के जंगल लौट जाने की, लेकिन सारस जंगल लौटा ही नहीं वो आरिफ की परछाई बन गया. यानी जहां आरिफ वहां सारस. सोशल मीडिया पर आरिफ की बाइक के साथ साथ उड़ते सारस की तस्वीरें वायरल हो गई. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष आरिफ के सारस से मुलाकात करने पहुंचे गए नतीजा ये हुआ की प्रशासन ने सारस को आरिफ से लेकर जंगल में छोड़ा या. ये घरों में रहने का आदी हो गया सारस जंगल से गायब हो गया. सारस के गायब होने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई. आरिफ तो पहले से ही चिंता में ते कि क्या सारस अब जंगल में रह पायेगा?

हुआ भी वही, वन विभाग की टीम ने सारस को जंगल में छोड़ दिया लेकिन कुछ घंटे बाद ही खबर आने लगी कि पक्षी सारस जंगल से लापता है. कहीं नहीं मिल रहा है.

लोगों को तरह-तरह की आशंका होने लगी. खास कर जिस तरह से सारस को उसके दोस्त आरिफ के पास ले वन विभाग की टीम ले गई थी, वो दृश्य हृदय को छूने वाला था. आरिफ की आंखों में आंसू थे, वो वन विभाग के लोगों के साथ-साथ अपने दोस्त सारस को छोड़ने वन विभाग की गाड़ी तक गया. रोता रहा और विभाग की  टीम सारस को लेकर जंगल की ओर प्रस्थान कर गई.

ये घटना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई. आम लोग तो आम, राजनेता भी अपने आप को इससे जोड़े बिना नहीं रह सके. एसपी नेता अखिलेश यादव ने इसे अपने साथ जोड़ते हुए यहां तक कह दिया कि मैं इनसे मिलने गया इस लिए प्रशासन ने सारस को आरिफ से अलग कर दिया.

सारस गायब क्या हुआ अखिलेश यादव विचलित भी हो गए. उन्होंने पहले ट्वीट किया कि, “उप्र वन-विभाग द्वारा अमेठी से ज़बरदस्ती ले जाकर रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार में छोड़ा गया ‘बहुचर्चित सारस’ अब लापता है. उप्र के राज्य-पक्षी के प्रति ऐसी सरकारी लापरवाही एक गंभीर विषय है. भाजपा सरकार तत्काल सारस खोजे, नहीं तो पूरी दुनिया के पक्षी-प्रेमी आंदोलन करेंगे. शर्मनाक!”

आंदोलन की धमकी से काम नहीं चला तो अखिलेश ने हाथ जोड़ दिए. फिर ट्वीट किया, इसबार लिखा, “मुख्यमंत्री जी चाहें तो लापता सारस का कोई नामकरण भी कर दें लेकिन उसे ढूँढकर उसकी जान ज़रूर बचाएं. वो सारस भी पूरे उप्र को वैसे ही प्रिय है, जैसे मुख्यमंत्री जी को गोलू.”

इस बार अखिलेश यादव की अपील रंग लाई. सारस मिल गया. असल में शहरों में रहने का आदी हो गया सारस जंगल से भाग कर अमेठी के ही बी सैया गांव में पहुंच गया. लोग उसे वहां देख कर हैरान थे लेकिन गांव में सारस को देखते ही भीड़ जुट गई. आरिफ और सारस की दोस्ती के चर्चे आस पास के गांव मे भी फैली थी सो लोगों को ये समझते देर नहीं लगी कि सारस भूखा भी हो सकता है. तुरंत गांव के लोग थाली में पके हुए चावल और दाल(भात-दाल) लेकर आये और अपने हाथों से खिलाना शुरु कर दिया. सारस के मिलने की खबर एसपी प्रमुख तक भी पहुंच गई. इसबार फिर उन्होंने ट्वीट किया, “उप्र के पक्षी-प्रेमी ‘बी सैया’ नामक गाँव को बहुत धन्यवाद जिसने सारस को बचाया, खिलाया पिलाया और वो काम कर दिखाया, जिसमें उप्र की सरकार नाकाम रही. सच तो ये है कि प्रेम से बड़ी सत्ता और कोई हो ही नहीं सकती… भाजपाई अगर समय रहते ये समझ लें तो शायद उनके अंदर की नफ़रत कुछ कम हो जाए.”

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