Monday, December 23, 2024

Kanpur Dehat: अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की जलकर मौत, एसडीएम, थाना प्रभारी, लेखपाल के खिलाफ केस दर्ज

उत्तर प्रदेश सरकार की बुलडोजर नीति एक बार फिर सवालों के घेरे में है. कानपुर देहात में प्रशासन के अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान एक मां-बेटी की जल कर मौत हो गई. मामला रूरा थाना क्षेत्र के मौड़ौली गांव का है. यहां अतिक्रमण हटाने के दौरान अचानक आग लग गयी. हलांकि कहा ये भी जा रहा है कि मां-बेटी ने खुद को आग लगा ली. आग लगने के साथ ही अतिक्रमण हटाने पहुंचे अधिकारी मौके से फरार हो गए. घटना में पीड़ित गोपाल दीक्षित की पत्नी प्रमिला दीक्षित और उनकी 23 साल की बेटी नेहा दीक्षित की जिंदा जलकर मौत हो गई. पत्नी और बेटी को बचाने की कोशिश में खुद गोपाल दीक्षित भी बुरी तरह झुलस गए. घटना के बाद गांववालों में काफी गुस्सा है जिसे देखते हुए गांव में भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया है.

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पीड़ित का आरोप 8-10 लोगों ने लगाई आग

वहीं इस मामले में पीड़ित गोपाल दीक्षित का आरोप हे कि प्रशासन ने उनकी गुहार नहीं सुनी और मकान पर बुलडोज़र चला दिया. कहना है कि, हमारे रोने-गिड़गिड़ान के बावजूद अधिकारी नहीं माने. पीड़ित का कहना है कि घर का मामला कोर्ट में चल रहा है इसलिए हमने कार्रवाई का विरोध किया, लेकिन इसके बाद भी हमारा घर गिरा दिया गया. गोपाल दीक्षित का कहना है कि प्रशासन की कार्रवाई के दौरान अधिकारियों ने उनसे साथ गाली गलौज भी की. गोपाल दीक्षित का ये भी आरोप है कि 8-10 गांव के लोग भी उस वक्त यहां जमा हो गए और सबको जला दो कहने लगे, पीड़ित का कहना है कि इन गांव वालों ने ही घर में आग भी लगा दी जिसमें उनकी पत्नि और बेटी की जलकर मौत हो गई. गोपाल दीक्षित का आरोप है कि क्योंकि मामले में जिले के बड़े अधिकारी शामिल हैं इसलिए उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी.

एसपी और कांग्रेस ने बुलडोज़र नीति पर उठाए सवाल

वहीं अब ये मामला राजनीतिक रुप भी लेता जा रहा है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों ने इस मामले में ट्वीट कर सरकार पर सवाल उठाएं हैं. समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर सरकार से पूछा हैं. “योगीजी
आपकी सरकार द्वारा विपक्षी नेताओं/कार्यकर्ताओं/MLA’s को बिना जांच ,बिना सबूत ,बिना तथ्य के मनमाने तरीके से जेल भेज दिया गया और अनैतिक बुलडोजर कार्यवाही हो रहीं. आप ये बताइए इस कानपुर देहात की अनैतिक बुलडोजर कार्यवाही और प्रशासन द्वारा जघन्य हत्या के दोषी कब जेल भेजे जाएंगे?”

वहीं कांग्रेस ने तो इसे हत्याकांड ही करार दे दिया है. “योगी की बुलडोजर नीति ने 2 जान ले ली. यूपी के कानपुर में ब्राह्मण परिवार के घर पर योगी सरकार का बुलडोजर चल गया. घर गिराने से क्षुब्ध मां-बेटी ने खुद को आग लगाकर जान दे दी. कितना वीभत्स है ये सब”

पीड़ित परिवार ने की 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग

गोपाल दीक्षित जिनकी पत्नी और बेटी की इस घटना में मौत हुई है उन्होंने सरकार से 50 लाख रुपये मुआवजा और घर अपने दोनों बेटों के लिए सरकारी नौकरी की मांग की है. पुलिस ने इस मामले में अबतक 11 नामजद लोगों के साथ कई अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. पुलिस ने केस में कानपुर देहात के मैथा तहसील के एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद लूंगा, थाना प्रभारी दिनेश गौतम और लेखपाल अशोक सिंह को मुख्य आरोपी बनाया है और उनके खिलाफ धारा 307, 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया है.

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