उत्तर प्रदेश: योगी आदित्यनाथ सरकार ने वन विभाग के 36 हजार से अधिक कार्यरत दैनिक वेतनभोगी UP Daily workers salary कर्मचारियों को एक अप्रैल 2018 से बकाया सहित प्रतिमाह 18000 रुपये वेतन देने के निर्णय लिया है.यह कार्य एक सप्ताह में कर दिया जाएगा. यह जानकारी अपर मुख्य सचिव पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मनोज सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल अनुपालन हलफनामा में दी है.
UP Daily workers salary: कर्मचारियों को भुगतान की नीति तैयार
मुख्य सचिव पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मनोज सिंह ने हलफनामें में बताया कि वन विभाग के जिन दैनिककर्मियों को छठे वेतन आयोग से 7000 रुपये दिए जा रहे हैं,उन सभी को जो सेवा में नियमित हो चुके हैं उन्हें भी इसी दर से बकाया का भुगतान किया जाएगा.साथ ही 20 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत शेष दैनिककर्मियों के न्यूनतम वेतनमान भुगतान की नीति तैयार की जाएगी.अपर महाधिवक्ता अशोक मेहता ने भी आश्वस्त किया कि अगली सुनवाई की तिथि तक सभी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतनमान देने की नीति तैयार कर ली जाएगी.
आउटसोर्स कर्मचारी को रखकर हटाया नहीं जाएगा
कोर्ट ने कहा कि वन विभाग के कार्यरत सभी दैनिक कर्मचारियों को कार्य करने दिया जाएगा.किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को रखकर हटाया नहीं जाएगा. कोर्ट ने कहा कि अपर मुख्य सचिव पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन या सचिव स्तर के नामित अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी.जिसमें सरकार व वन विभाग के पांच या छह अधिकारी सदस्य होंगे. कमेटी में प्रमुख चीफ वन संरक्षक भी सदस्य होंगे.यह कमेटी वन विभाग के सभी कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतनमान देने की नीति तैयार करेगी. जिसे अपर मुख्य सचिव द्वारा अनुपालन हलफनामा के माध्यम कोर्ट में पेश किया जाएगा.
सरकार ईमानदारी से कर्मचारियों के हित में बना रही है नीति – महाधिवक्ता , यूपी सरकार
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ये आदेश गोरखपुर वन विभाग के कर्चचारी विजय श्रीवास्तव की याचिका पर दी है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने आशंका जताई कि सरकार आश्वासन देन के बाद भी अक्सर पलट जाती है. इसके जवाब में यूपी सरकार के महाअधिवक्ता ने कहा कि पिछली बातों को भूल जाइये , क्योंकि अब यूपी सरकार इमानदारी के साथ गंभारता से कर्मचारियों मुद्दे पर विचार करने और नीतिगत फैसले लेने के लिए काम कर रही है .