समाजवादी पार्टी ने रामपुर विधानसभा सीट के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है. रामपुर सीट से एसपी ने आज़म खान के वफादार दोस्त आसिम रजा को टिकट दिया है. पहले ऐसी चर्चा थी कि इस सीट से आज़म खान की पत्नी तंजीम फातिमा चुनाव लड़ेंगी. समाजवादी पार्टी ने रामपुर से उम्मीदवार चुनने का अधिकार आज़म खान को दे दिया था. जिसके बाद से इस सीट पर एसपी के प्रत्याशी के नाम पर अटकलें लगाई जा रही थी. लेकिन मंगलवार को बीजेपी के इस सीट से आज़म खान के धूर विरोधी माने जाने वाले आकाश सक्सेना को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. जिसके बाद बुधवार को समाजवादी पार्टी ने भी अपने पत्ते खोलते हुए अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा की.
1977 के बाद रामपुर सीट से आजम के परिवार का कोई सदस्य नहीं है प्रत्याशी,
जैसे की सब जानते है हेट स्पीच मामले में 3 साल की सजा मिलने के बाद आज़म खान की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी. जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव की नौबत आई. अंदाज़ा ये लगाया जा रहा था कि आजम खान की गैर मौजूदगी में इस सीट से या तो उनकी पत्नी तंजीम फातिमा, या बड़ा बेटे अजीब आजम और राजनीति में सक्रिय उनकी बहू सिद्रा को प्रत्याशी बनाया जाएगा. लेकिन आज़म खान ने इनसब के उपर अपने वफादार आसिम रजा को चुना.
1977 के बाद ये पहला मौका है जब समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान का कोई सदस्य इस सीट से चुनाव नहीं लड़ रहा है. आज़म खान 1970 में रामपुर से विधायक चुने गए थे. वह 1970 से लेकर 2022 तक 12 बार विधानसभा के चुनाव लड़ चुके हैं. इसमें से 10 बार उनकी जीत हुई है और 2 बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है शुरुआती दौर में रामपुर की सीट पर कांग्रेस का दबदबा माना जाता था 1980 से लेकर 1993 के बीच 5 विधानसभा चुनाव में लगातार उन्होंने जीत हासिल की है 1996 का चुनाव कांग्रेस के अफरोज अली खान ने जीता था. हारे हुए आजम खान तब उनकी पार्टी ने राज्यसभा में भेजा था. इसके बाद 2002 से 22 के बीच 5 चुनाव हुए जिसमें लगातार आजम खान ने जीत हासिल की. आजम खान 2019 का लोकसभा का चुनाव लड़े और जीते जिसके बाद उन्होंने रामपुर विधानसभा सीट से इस्तीफे दिया और अपनी पत्नी तंजीम फातिमा को उम्मीदवार बनाया. तंजीम फातीमा ने इस सीट से जीत हासिल की थी. उनकी विधायकी के दौरान ही आजम खां पर 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए और उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही हुई. इस बीच अदालत ने उनके बेटे विधायक अब्दुल्लाह आजम और पत्नी तंजीम फातिमा को ज्यूडशल कस्टडी में जेल भी भेज दिया और 27 महीने जेल में रहने के बाद सीतापुर जेल से आजम खान रिहा हुए और उन्होंने फिर 2022 में विधानसभा का चुनाव लड़ा जिसमें उनकी जीत भी हुई. लेकिन फिर हेट स्पीच मामले में फैसला आने के बाद उनकी विधायक रद्द कर दी गई और फिर उपचुनाव का एलान हुआ.
कैसे हुआ प्रत्याशी का चुनाव
बताया जा रहा है कि मंगलवार 15 नवंबर को सुबह समाजवादी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को आजम खान की तरफ से मीटिंग में शामिल होने के लिए मैसेज भेजा गया. शाम को समाजवादी पार्टी रामपुर कार्यालय पर 6:30 बजे मीटिंग तय की गई थी. मीटिंग की खबर फैलने के साथ ही कयास लगाए जा रहे थे कि आजम खान अपनी पत्नी तंजीम फातिमा, बहू सिद्रा या बड़े बेटे अजीब आजम को प्रत्याशी बना सकते हैं. लेकिन जब आज़म खान मीटिंग के लिए आए तो सबसे पहले मीडिया को बाहर कर दिया गया. बैठक के बाद सिर्फ इतना बताया गया कि विधानसभा चुनाव के लिए एसपी के प्रत्याशी होंगे आसिम रजा.