AMU VC Appointment: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर की नियुक्ति का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. सोमवार को हुई विशेष बैठक के बाद अगले वीसी के लिए जिन तीन उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश की गई उसे लेकर विवाद हो गया. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को नाम भेज दिए गए इन नामों में कार्यवाहक वीसी मोहम्मद गुलरेज की पत्नी नईमा खातून का नाम भी शामिल था. कुलपति के चयन के लिए VC की पत्नी का नाम कैसे शॉर्टलिस्ट हुआ इसी को लेकर विवाद है. जिसके बाद चयन प्रक्रिया को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया गया.

AMU VC Appointment चयन प्रक्रिया को लेकर विवाद
एएमयू में वाइस चांसलर की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया को लेकर विवाद शुरू हो गया है. कार्यवाहक वीसी मोहम्मद गुलरेज की अध्यक्षता वाले एक पैनल ने उनकी पत्नी नईमा खातून को कुलपति के तीन उम्मीदवारों की सूची में शामिल कर दिया है. ऐसे राष्ट्रपति महोदया उनके नाम पर मुहर लगा दी हैं. तो वो एएमयू की पहली महिला वीसी बन सकती हैं. हालांकि उनके नाम पर हंगामा भी देखने को मिल रहा है. तीन उम्मीदवारों की सूची में नईमा खातून के अलावा दो अन्य नाम प्रोफेसर मुजफ्फर उरुज रब्बानी का है. यह एएमयू के मेडिसिन पूर्व डीन रहे हैं और तीसरा नाम प्रोफेसर फैजान मुस्तफा का है . यह पटना की चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के वीसी और प्रोफेसर हैं. इन दोनों को 61 और 53 वोट मिले. जबकि मोहम्मद गुलरेज की पत्नी नईमा खातून को 50 ही वोट मिले थे. दरअसल नईमा खातून को साल 2006 में प्रोन्नति देकर प्रोफेसर बनाया गया था. 2014 में महिला कॉलेज की प्रिंसिपल बनने से पहले तक वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में ही पढ़ा रही थी.
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