लखनऊ में विकास प्राधिकरण एक बहुमंजिला रिहायशी इमारत को गिराने की तैयारी कर रही है. LDA नजूल की जमीन पर बने बहुमंजिला यजदान भवन को एक महीने के अंदर गिराएगा. प्राधिकरण के इस फैसले के बाद यजदान भवन के बाहर बड़ी संख्या में फोर्स तैनात की गई है. LDA के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया,”RERA और प्राधिकरण से नक्शा पास होना दोनों अलग कार्रवई हैं. इन्होंने प्राधिकरण में नक्शा दाखिल किया था लेकिन इन्होंने बिना नक्शा पास हुए निर्माण करना शुरू कर दिया.”
क्या है मामला
लखनऊ में विकास प्राधिकरण का कहना है कि इस मामले में 2016 से कार्रवाई चल रही है. 2016 में ही बिल्डरों को नोटिस भेजा गया था. लेकिन नोटिस के बावजूद यहां निर्माण का काम चलता रहा. LDA के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इस परिसर को भी सील किया था. जिसके बाद बिल्डर प्रधिकरण के ध्वस्तिकरण के आदेश के ख़िलाफ़ कमिश्नर से लेकर उच्च न्यायालय तक गया था, जहां इनकी याचिका खारिज हुई है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) नजूल की जमीन पर बने बहुमंजिला यजदान भवन गिराएगा।
LDA अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया,"RERA और प्राधिकरण से नक्शा पास होना दोनों अलग कार्रवई हैं। इन्होंने प्राधिकरण में नक्शा दाखिल किया था लेकिन इन्होंने बिना नक्शा पास हुए निर्माण करना शुरू कर दिया।" pic.twitter.com/23Yx9i27m7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 14, 2022
मकान खरीदने वालों पर क्या बोले ज्ञानेंद्र वर्मा
बहुमंजिला रिहायशी इमारत को गिराने के फैसले पर जब LDA के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा से पूछा गया कि इस इमारत में जिनके मकान है उनका क्या होगा तो उन्होंने साफ कहा कि खरीदारों को मकान लेने से पहले जांच करनी चाहिए थी. ये देखना चाहिए था कि प्राधिकरण ने इसका नक्शा पास किया है कि नहीं. ज्ञानेंद्र वर्मा ने कहा कि मकान मालिकों को पैसा वापस देने की ज़िम्मेदारी बिल्डरों की है. उन्होंने बताया की इसे तोड़ने में करीब 1 महीना का समय लगेगा.