गुरुवार को सदन बुधवार को अनुपूरक बजट में रामोत्सव से जुड़ा ₹100 करोड़ का प्रस्ताव पास करेगा. अयोध्या में राम लला के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह से पहले, योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश भर में ‘रामोत्सव’ मानने जा रही है. इस कार्यक्रम के तहत यूपी के 826 स्थानीय निकायों के प्रमुख मंदिरों में धार्मिक आयोजन और राम पादुका यात्रा के लिए सरकार ने ₹100 करोड़ आवंटित किए हैं.
कब से कब तक होगा कार्यक्रम
‘रामोत्सव’ के कार्यक्रम इस महीने शुरू होंगे, हलांकि मेगा समारोह अगले साल 14/15 जनवरी को मकर संक्रांति से शुरू होंगे और 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन तक जारी रहेंगे. वहीं, राम पादुका यात्रा भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के लिए गए वन गमन पथ से होकर पूरे देश में भ्रमण करेगी.
75 जिलों में मंदिरों में होंगे विशेष कार्यक्रम
इसके अलावा ‘रामायण परंपरा’ से जुड़े मंदिरों में रामचरितमानस, रामायण और हनुमान चालीसा का अखंड पाठ होगा. राज्य का पर्यटन और संस्कृति विभाग उन सभी 75 जिलों में मंदिरों की सूची को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है जहां ये आयोजन होंगे.
प्रत्येक जिले में ‘पर्यटन और सांस्कृतिक परिषद’ स्थानीय कलाकारों की सहायता से इन कार्यक्रमों का आयोजन करेगी.
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि, “सरकार की योजना राज्य के प्रत्येक जिले और प्रत्येक प्रमुख मंदिर को राम लला के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह से जोड़ने और पूरे राज्य को ‘राम-मय’ बनाने की है.”
पीएम करेंगे रामलला के प्रतिष्ठा समारोह की अध्यक्षता
आपको बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले साल 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के प्रतिष्ठा समारोह की अध्यक्षता करने वाले हैं. इस कार्यक्रम से पूरे प्रदेश को जोड़ने के लिए यूपी सरकार का पर्यटन और संस्कृति विभाग प्रत्येक जिले में पर्यटन और सांस्कृतिक परिषद की मदद से कार्यक्रम का आयोजन कर करेगा.
सरकारी स्कूलों में होगी रामायण से जुड़ी प्रतियोगिताएं
इसके अलावा यूपी सरकार ने सरकारी स्कूलों में कार्यक्रमों की एक श्रृंखला की भी योजना बनाई है. इनमें कला, निबंध लेखन, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिताएं और रामायण पर आधारित धार्मिक गीत शामिल होंगे. भगवान राम की मूर्तियां कैसे बनाई जाएं, इस पर कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी.
अयोध्या में होंगे लेज़र शो और दूसरे कई कार्यक्रम
राज्य सरकार ने अयोध्या में प्रोजेक्शन मैपिंग और ड्रैगन शो के माध्यम से राम कथा के प्रदर्शन के अलावा सरयू नदी पर एक जल लेजर शो की योजना बनाई है, जिसमें रामायण की विभिन्न घटनाओं को दर्शाया जाएगा.
विधानसभा में बुधवार को अनुपूरक बजट में रामोत्सव से जुड़ा यहाँ प्रस्ताव पेश किया गया. राज्य सरकार के एक बयान के अनुसार, सदन इसे मौजूदा शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन यानी शुक्रवार को पारित करेगा.