Trump Tariff: क्या ट्रंप टैरिफ से होने वाले कॉर्पोरेट के नुकसान की भरपाई आम जनता से कर रही मोदी सरकार? विपक्ष तो अकसर मोदी सरकार पर चंद पुजीपतियों की सरकार होने का आरोप लगाता रहा है लेकिन सोमवार पहले शेयर बाज़ार की मार और फिर एक के बाद एक एक दो सरकारी फैसलों ने जनता के मन में ये सवाल जरूर पैदा कर दिया की क्या सरकार कथित दोस्तों को होने वाले नुकसान की भरपाई जनता से करने जा रही है.
शेयर बाज़ार में 19 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
सोमवार को पहले शेयर बाज़ार में हाहाकार देखने को मिली. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, बाजार खुलने के कुछ ही मिनटों के भीतर लगभग 19 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया. एक तरफ सेंसेक्स 10 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया. हालत ये रही की सेंसेक्स 4,000 अंक तो एनएसई निफ्टी 1,200 अंक गिर गया.
पेट्रोल और डीज़ल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये की वृद्धि
अभी शेयर बाज़ार के मार से लोग उभरे भी नहीं थे की दोपहर में खबर आई की, केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल दोनों पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है. हलांकि इसके साथ पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट कर सफाई दी कि, “पीएसयू तेल विपणन कंपनियों ने सूचित किया है कि आज उत्पाद शुल्क दरों में की गई वृद्धि के बाद पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी.”
Trump Tariff, कांग्रेस ने कहा मोदी सरकार लुटेरी सरकार
हलांकि इस खबर के चंद मिनटों बाद ही सरकार के फैसले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एक्स पर पोस्ट लिखकर कहा कि, “वाह मोदी जी वाह !! मई 2014 के मुक़ाबले अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की क़ीमत में 41% की गिरावट आई है, पर आपकी लुटेरी सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल के दाम कम करने के बजाय, ₹2-₹2 Central Excise Duty बढ़ा दी है टैरिफ़ नीति पर कुंभकर्णी नींद से शेयर बाज़ार में छोटे-बड़े निवेशकों का एक झटके में ₹19 लाख करोड़ स्वाहा होने से आपको चैन नहीं मिला होगा, इसलिए आपकी सरकार जले पर नमक छिड़कने आ गई !”
आपको बता दें पेट्रोल डीजल के दामों को लेकर अकसर सरकार सफाई देती है की वो इसको कंट्रोल नहीं करती. ये अंतरराष्ट्रीय बाज़ार से नियंत्रित होते है. यानी जब अतराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़े तो देश में भी पेट्रोल महंगा होगा. हलांकि अभी जब अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में दाम गिरे तो जनता को फायदा होने के बजाए सरकार ने टैक्स में उसकी वसूली कर ली.
रसोई गैस की कीमत में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी
खैर यहां तक तो लोगों ने संतोष किया की कुछ घटा नहीं तो बढ़ा भी नहीं. लेकिन शाम होते होते सरकार ने इस भ्रम को भी तोड़ दिया और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने घोषणा की कि रसोई गैस की कीमत में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की गई है. मंत्री ने कहा कि उज्ज्वला और सामान्य श्रेणी के ग्राहकों दोनों के लिए गैस की कीमत में बढ़ोतरी की गई है.
सामान्य उपभोक्ताओं के लिए 14.2 किलोग्राम वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 803 रुपये से बढ़कर 853 रुपये हो जाएगी और उज्ज्वला योजना के तहत उपभोक्ताओं के लिए 503 रुपये से बढ़कर 553 रुपये प्रति सिलेंडर हो जाएगी.
हरदीप पूरी ने दी सरकार के फैसलों पर सफाई
केंद्रीय मंत्री से जब पूछा गया कि जब अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में दाम गिर रहे है तो दाम बढ़ाए क्यों जा रहे है तो उन्होंने कहा, “कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत घटकर लगभग 60 डॉलर प्रति बैरल रह गई, लेकिन कृपया याद रखें कि हमारी तेल विपणन कंपनियां 45 दिनों से अधिक समय तक स्टॉक रखती हैं. अगर आप जनवरी में वापस जाएं, तो उस समय कच्चे तेल की कीमत 83 डॉलर थी, जो बाद में घटकर 75 डॉलर हो गई. इसलिए उनके पास औसतन 75 डॉलर प्रति बैरल कच्चे तेल का स्टॉक है.”
उन्होंने कहा, “आप उम्मीद कर सकते हैं कि वैश्विक कीमतों के अनुरूप तेल विपणन कंपनियाँ पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में कमी करेंगी. एक विनियमन मुक्त क्षेत्र में, आप उनसे बाज़ार खुदरा मूल्य को समायोजित करने की उम्मीद कर सकते हैं.”
कुल मिलाकर रहे तो सरकार के फैसलों से ऐसा लगा कि सरकार जनता के पैसे से कॉर्परेट को राहत देने की तैयारी में है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि चाइन पहले की एक फंड बनाने के अपने इरादे की घोषणा कर चुका है जिससे ट्रंप टैरिफ से नुकसान होने पर वो अपने बिज़नेस की मदद करेगा.
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