दिल्ली की सियासत में गहमा गहमी का माहौल बना रहता है. केंद्र और राज्य सरकार के बीच आरोप प्रत्यारोप यहां आम बात है . इसी बीच मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखकर उनके आरोपों का जबाव दिया है और कहा कि शिक्षा विभाग पर एलजी के आरोप झूठ का पुलिंदा है .
मनीष सिसोदिया ने चिट्ठी में क्या लिखा
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने चिट्ठी में लिखा है- दिल्ली सरकार के स्कूलों के बारे में झूठ बोलकर एलजी ने शिक्षकों का अपमान किया है. दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों की संख्या 14.5 लाख से बढ़कर 18 लाख हुई है, शिक्षकों-छात्रों की मेहनत का अपमान न करें एलजी. सिसोदिया ने यह भी कहा है कि एलजी ने सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या, डीडीए प्लॉट्स, कमरे बनाने व नतीजों के बारे में झूठ बोला . गेस्ट टीचर्स को ‘घोस्ट टीचर’ बोलकर एलजी ने शिक्षकों का अपमान किया है. सिसोदिया में यह बात दोहराई है कि संविधान में एलजी का काम क़ानून व्यवस्था को ठीक करना है, एलजी क़ानून व्यवस्था ठीक करें, हमें शिक्षा व्यवस्था ठीक करने दें.
एलजी ने ठुकराया सीएम केजरीवाल का प्रस्ताव
वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार और केंद्र के बीच की खींचतान तब भी देखने को मिली जब उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के आमंत्रण को साफतौर पर मना कर दिया. जी हां उपमुख्यमंत्री और विधायकों से मिलने से उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने साफ़ मना कर दिया .
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कल एलजी को पत्र लिखकर कहा था कि 21 जनवरी को दोपहर एक बजे विधायकों के साथ मैं आपसे लंच पर मिलना चाहता हूं.
दरअसल 16 जनवरी को विधानसभा से एलजी दफ्तर तक के प्रदर्शन के दिन एलजी ने सभी विधायकों से मिलने से मना कर दिया था, बीते दिन सीएम को लिखे पत्र में एलजी ने कहा था कि बिना किसी पूर्व कार्यक्रम के अचानक सभी विधायकों ने मिलना संभव नहीं था.
जिसके जवाबी पत्र में कल सीएम केजरीवाल ने फिर उन्हें लंच पर मिलने की अपील की थी. लेकिन सीएम ऑफिस सूत्रों की मानें तो एलजी ऑफिस की तरफ से इस मीटिंग के लिए मना कर दिया गया है.