Kanjhawala Case: दिल्ली पुलिस ने अखिरकार अंजलि मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है. 2023 की शरूआत की वो काली रात कौन भूल सकता है. जब नए साल के जश्न के बाद कुछ दरिंदो ने एक जिंदा लड़की को दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में कई किलोमीटर तक घसीट घसीट कर मौत के घाट उतार दिया था. इन आरोपियों में से एक बीजेपी का नेता भी था. जिसकी वजह से ये मामला राजनीतिक गलियारों में भी खूब सुर्खियां बना. मामले में अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मनोज मित्तल पर हत्या की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. अंजलि को कई किलोमीटर तक बेरहमी से कार के नीचे घसीटने के मामले में कुल सात आरोपी बनाए गए हैं.
चार्जशीट में क्या क्या लिखा
जिसमें इन चार के अलावा दीपक खन्ना, अंकुश और आशुतोष को भी आरोपी बनाया गया है. पुलिस के मुताबिक- दीपक, अमित, कृष्ण, मनोज और मिथुन जुडिशल कस्टडी में हैं. आशुतोष और अंकुश को कोर्ट से जमानत मिली हुई है. पुलिस की तरफ से ये चार्जशीट रोहिणी कोर्ट में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल की अदालत में पेश की गई है.
120 गवाह दिलाएंगे इंसाफ
पुलिस ने 800 पन्नों की चार्जशीट तैयार की जिसमें करीब 120 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं. यानी इन्हीं 120 गवाहों की गवाही अंजलि को इंसाफ और अपराधियों को सजा दिलाएगी दरअसल 31 दिसंबर और 1 जनवरी की रात हुई खौफनाक घटना में अंजलि की स्कूटी आरोपियों की कार के नीचे आ गई थी. लेकिन हादसे के बाद आरोपियों ने कार रोकने की जगह अंजलि को रौंधते हुए अपनी गड़ी से कई किलोमीटर तक घूमते रहे.
किन किन धाराओं में दाखिल हुई चार्जशीट
जांच के दौरान, सात आरोपी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया जिनमें मनोज मित्तल, अमित खन्ना, कृष्ण उर्फ कालू, मिथुन उर्फ अर्जुन, दीपक खन्ना, अंकुश खन्ना, आशुतोष भारद्वाज को गिरफ्तार किया गया. जिसमें से अमित खन्ना के खिलाफ 302/के तहत अपराध करने के लिए 279/337/201/212/182/34/120बी आईपीसी और 3/181, 185 एम.वी. के तहत कार्रवाई होगी। वहीं कृष्ण पर धारा 302/201/212/34/120बी/182 आईपीसी के तहत धाराओं में कार्यवाही होगी। मिथुन पर धारा 302/201/के तहत अपराध करने के लिए 212/34/120B/182 IPC की धारा लगाई गई है. मनोज मित्तल पर धारा 302/201/212/34/120B/182 IPC के तहत लगाई गई है. दीपक खन्ना पर धारा 201/212/182/34/120बी आईपीसी के तहत अपराध करने के लिए आरोपी बनाया गया है.
आरोपी अंकुश पर धारा 201/212/182/34/120बी आईपीसी के तहत दर्ज हुई हैं. आशुतोष पर धारा 201/212/182 के तहत अपराध करने के लिए /34/120बी आईपीसी और 5/180 एम.वी. कार्यवाही होगी।
इन सातो आरोपियों में दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मनोज और मिथुन न्यायिक हिरासत में हैं और आशुतोष और अंकुश खन्ना अदालत से जमानत पर हैं.
जांच एजेंसी के मुताबिक, जिस कार ने कथित तौर पर मृतक अंजलि की स्कूटी को टक्कर मारी, वो आशुतोष की थी. यह कार उसके साले ने उसे तोहफे में दी थी. उसने यह कार अमित खन्ना को चलाने के लिए दे दी, जिसके पास उचित लाइसेंस तक नहीं था. सीडीआर कॉल रिकॉर्ड के मुताबिक, आरोपी अंकुश ने घटना के बाद सुबह 4:56 बजे आशुतोष को कॉल किया था. जिसके बाद इन सब ने मिलकर मामले को दबाने के लिए साजिश भी रचने का मामला भी सामने आया. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) जोड़ी. शुरू में, आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना) और 304 (हत्या की कोशिश) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
एक ‘आरोपी’ अभी भी नदारद
फिलहाल इस मामले में एक और आरोपी का नाम कही भी नहीं है. जिसका नाम कंझावला कांड में सबसे ज्यादा सुर्खियां बना था. जी हाँ हम बात कर रहे हैं अंजलि की दोस्त निधि की. जिसने पूरा हादसा अपनी आखों से देखा. लेकिन किसी को बताया नहीं, जो शायद वक्त रहते कुछ करती तो अंजलि बच सकती थी, लेकिन अपनी दोस्त को बचाने की जगह वो उसे मौत से लड़ता छोड़कर भाग खड़ी हुई. घटना के दो दिन बाद तक निधि ने ना पुलिस को कुछ बताया था और ना ही घर वालों को. क्या पुलिस को उसे भी आरोपी नहीं बनाना चाहिए था. क्या उस पर मामला छुपाने किसी को मरता छोड़ भाग जाने. जैसे मामलों में केस नहीं बनना चाहिए ?