स्पोर्टस डेस्क: बड़े बुज़ुर्ग अक्सर कहा करते थे कि खेल में कम पढ़ाई में ज्यादा ध्यान दो लेकिन वो वक्त और था आज भारत के कई नौजवान ऐसे हैं जो खेल के क्षेत्र में हर रोज़ नए नए कीर्तिमान रच रहे हैं. एक ऐसा ही युवा नौजवान जिसने बेहद कम उम्र में वो कर दिखाया जो बड़े बड़े धुरंधर ना कर पाए. हम बात कर रहे हैं अपने तीरों से दुश्मनों के हौसले पस्त कर देने का हुनर रखने वाले भारत के तीरंदाज़ प्रियांश का जिसे अब पूरा भारत गोल्डन बॉय (Golden boy Priyansh) कहकर पुकार रहा है.
दिल्ली स्टेट के लिए खेलने वाला प्रियांश महज़ 20 साल की उम्र में यूथ वर्ल्ड चैम्पियन बन गया है. आयरलैंड में हुए यूथ एंड कैडेट वर्ल्ड आर्चरी टूर्नामेंट २०२३ में भारतीय तीरंदाज प्रियांश कंपाउंड कैटेगरी में अंडर-21 का वर्ल्ड चैम्पियन बना है. प्रियांश ने वर्ल्ड आर्चरी यूथ चैम्पियनशिप में अंडर- 21 इंडिविजुअल कंपाउंड फाइनल में स्लोवेनिया के एलजेज ब्रेक को 141के मुकाबले 147 से हराया और स्वर्ण पदक जीत कर विदेश में भारत का तिरंगा लहरा दिया. इसके अलावा प्रियांश ने मिक्स टीम इवेंट में भी गोल्ड मैडल जीता. इतना ही नहीं आयरलैंड में हुए इस टूर्नामेंट में उभरती हुई तीरंदाज अदिति स्वामी अमेरिका की लिएन ड्रेक को हराकर अंडर – 18 महिला वर्ल्ड चैम्पियन बनीं। पिछले महीने वर्ल्ड कप में अंडर 18 कंपाउंड महिला क्वालिफाइंग रिकॉर्ड बनाने वाली अदिति ने इसी लय को जारी रखते हुए युवा वर्ल्ड चैम्पियनशिप के फाइनल में लिएन को 142-136 से हराया. आयरलैंड में हुए यूथ वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में भारत ने कुल 11 मेडल जीते इसमें 6 गोल्ड, 1 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज हैं.
खिलाडियों का हौसला अफ़ज़ाई करते हुए खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर सभी तीरंदाजों को बधाई देते हुए उनपर गर्व महसूस किया.
Proud of our archers for excelling in the 2023 World Archery Youth Championships. Their accomplishments augur well for the future of archery in India and will motivate many upcoming archers. https://t.co/bXex3hxuwe pic.twitter.com/2Z9p0AgnAW
— Narendra Modi (@narendramodi) July 10, 2023
लेकिन कहते हैं न कामयाबी को पूरी दुनिया सलाम करती है तो देश के लिए गोल्ड जीतने पर कुछ ऐसा ही गोल्डन बॉय प्रियांश के साथ हुआ उनकी सोसाइटी के लोगों ने प्रियांश के लिए सम्मान समारोह आयोजित कर फूल मालाओं के साथ प्रियांश की ऐतिहासिक जीत की खुशी में रैली निकाली। तो सलाम ऐसे बच्चों को उन्हें आकार देने वाले उनके कोच और माता पिता को जिन्होंने ऐसे नौजवान दिए जो आज पूरी दुनिया में भारत का तिरंगा लहरा रहे हैं .