Thursday, April 24, 2025

Ganga Villas Cruise: किनारे पर पहुंचने से पहले ही गंगा में अटका ‘गंगा विलास क्रूज़’? झूठ से उठा पर्दा

गंगा नदी के रास्ते वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक पर्यटकों को क्रूज़ की सेर पर लेके घुमाने निकला ‘गंगा विलास’ क्रूज़ सोमवार सुबह बिहार के सारण में डोरीगंज के पास पहुंचा लेकिन वहां कुछ ऐसा हुआ कि गंगा विलास क्रुज़ सुर्ख़ियों में छा गया . लेकिन सुर्ख़ियों में छाने की वजह कोई तारीफ नहीं बल्कि क्रूज़ के सैलानियों को हुई परेशानी है .

क्या है पूरा मामला 

दरअसल गाद में अटकने के कारण क्रूज़ किनारे तक ही नहीं पहुंच सका. अब इसकी वजह क्या है बीच नदी में ऐसा क्या हुआ जो इतना बड़ा क्रीज़ किनारे पर पहुँचने से पहले ही रुक गया. दरअसल इस रुकावट की वजह है. नदी के किनारे पर कम पानी रहना . इसी कारण क्रूज तट से दूर ही अटक गया. फिर वहीं लंगर लगाकर छोटे जहाजों के सहारे सैलानियों को सारण जिले के चिरांद तक लाकर महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों का भ्रमण कराया गया. क्रूज पर सवार सैलानियों को चिरांद का भी भ्रमण करना था और इसकी तैयारियां भी थीं, लेकिन तट से कुछ दूर पहले गाद के कारण यह अटक गया था. बिहार में गंगा तटों पर यह आगे की यात्रा के दौरान भी होने की आशंका है, क्योंकि ज्यादातर जगह किनारे तक क्रूज के हिसाब से गहरा पानी नहीं है.

क्यों अटका गंगा विलास क्रूज

बता दें चिरांद में जहां तट से पहले कम पानी के कारण क्रूज अटका, वहां छोटे जहाजों की व्यवस्था रखी गई थी. क्रूज के मुताबिक पानी होगा या नहीं, इसी अनुमान को देखते हुए जहाज तैनात थे. जब क्रूज उस जगह को पार नहीं कर सका तो करीब 800 मीटर दूर छोटे जहाज भेजकर सैलानियों को उसके जरिए तट तक लाया गया. इस बीच अफवाह के कारण थोड़ी अफरातफरी जरूर रही, लेकिन सैलानियों के स्वागत की तैयारी में फूल-माला लेकर खड़े लोग और ढोल-बाजा वाले परेशान नहीं हुए.

हालांकि IWAI के अध्यक्ष, संजय बंदोपाध्याय ने खबर का खंडन किया है . उनका कहना है कि तय कार्यक्रम के मुताबिक गंगा विलास पटना पहुंच गया. जहाज के छपरा में फंसने की खबर में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है. पोत निर्धारित समय के अनुसार अपनी आगे की यात्रा जारी रखेगा”

सैलानियों का हुआ भव्य स्वागत

जैसे ही छोटा जहाज सैलानियों को लेकर उतरा, तो सैलानियों का स्वागत वहां फूलों की वर्षा कर किया गया. सिर्फ पुष्पवर्षा ही नहीं बल्कि ढोल-नगाड़ों के बीच अधिकारियों ने फूलों के गुलदस्ते देकर सैलानियों का स्वागत किया. बाद में सैलानी चिरांद के पुरातात्विक स्थलों केा देखने के लिए पैदल निकले. विदेशी सैलानियों ने गांव वालों के साथ यादगार तस्वीरें भी लीं.

 

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