Sunday, July 6, 2025

रावण विवाद के बाद माता सीता की राजनीति में इंट्री, राहुल बोले “मैं बताता हूं BJP-RSS वाले जय सियाराम क्यों नहीं बोलते”

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कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों मध्य प्रदेश में है. शुक्रवार को आगर मालवा में राहुल गांधी ने एक जनसभा को संबोधित किया. इस सभा में राहुल गांधी ने बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं बताता हूं ये लोग जय श्री राम ही क्यों बोलते है, जय सियाराम क्यों नहीं बोलते.
शनिवार को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का मध्यप्रदेश में दसवां और आखिरी दिन हैं कल यानी 4 दिसंबर को यात्रा राजस्थान में प्रवेश करेगी. मध्य प्रदेश में अपनी आखरी जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी-आरएसएस पर बड़ा हमला किया. राहुल गांधी ने कहा कि, ”उनके संगठन में सीता नहीं आ सकतीं उन्होंने उन्हें बाहर कर दिया. हमारे आरएसएस के मित्रों से कहना चाहता हूं कि ‘जय श्रीराम’ के अलावा ‘जय सियाराम’ और ‘हे राम’ का प्रयोग कीजिए, सीताजी का अपमान मत कीजिए.”


राहुल गांधी ने आगे कहा कि, ”तीसरा नारा जय सियाराम तो वे लगा ही नहीं सकते क्योंकि उनके संगठन में एक महिला नहीं है. वह जय सियाराम का संगठन ही नहीं है. उनके संगठन में महिला तो आ ही नहीं सकती, सीता तो आ ही नहीं सकती. सीता को तो बाहर कर दिया. यह बहुत गहरी बात है, मध्यप्रदेश के एक पंडित जी ने सड़क पर मुझसे कही.”

राहुल गांधी ने कहा कि पंडित जी ने कहा कि ”संघ वाले जय श्री राम बोलते हैं, न कि जय सियाराम. वहां कोई ‘सीता’ नहीं है. उन्होंने सीता को बाहर रखा है, क्योंकि वे सीता की पूजा नहीं करते हैं. ”
राहुल गांधी ने कहा कि, ”हम सीता को याद करते हैं, और समाज में जो सीता की जगह होनी चाहिए उसका आदर करते हैं. जय सियाराम, जय सीताराम और तीसरा नारा जय श्रीराम. इसमें हम राम भगवान की जय करते हैं.”

राहुल गांधी ने कहा कि , ”पंडित जी ने मुझसे कहा कि आप अपनी स्पीच में पूछिए कि बीजेपी के लोग ‘जय श्रीराम’ करते हैं मगर कभी ‘जय सियाराम’ या ‘हे राम’ क्यों नहीं करते? मुझे बहुत अच्छा लगा, बहुत गहरी बात बोली.”
राहुल गांधी ने कहा, ”आरएसएस और बीजेपी के लोग, जिस भावना से राम ने अपनी जिंदगी जी, उस भावना से अपनी जिंदगी नहीं जीते हैं. राम ने किसी के साथ अन्याय नहीं किया. राम ने समाज को जोड़ने का काम किया. राम ने सबको इज्जत दी. भगवान राम ने किसानों की, मजदूरों की, व्यापारियों की, सबकी मदद की. भगवान राम की जो भावना थी, जो उनके जीने का तरीका है, उसको आरएसएस के लोग और बीजेपी के लोग नहीं अपनाते.”

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