नई दिल्ली:Cash On Query Row सवाल के बदले पैसे लेने के आरोप मामले में गुरुवार को एथिक्स कमेटी बड़ा फैसला ले सकती है. ‘कैश फॉर क्वेरी’ के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच कर रही लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है.इस मामले की जांच कर रही एथिक्स कमेटी ने 500 पेज की अपनी रिपोर्ट पेश की है. कमेटी ने सिफारिश की है कि टीएमसी सांसद की सांसदी को तुरंत समाप्त कर देना चाहिए .
बता दें कि निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से संपर्क किया था और उन पर कैश के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह को निशाना बनाने के लिए सदन में सवाल पूछने का आरोप लगाया था.
Cash On Query Row केस में ‘‘लोकपाल अभी जिंदा है.’’
कमेटी महुआ मोइत्रा के आचरण के ख़िलाफ बहुमत के आधार पर रिपोर्ट अडॉप्ट कर सिफारिश करेगी. फिर सिफारिश को लोकसभा स्पीकर के सचिवालय भेजा जाएगा. इसके बाद सदस्यता रद्द करने के लिए आगे की कार्रवाई होगी.दरअसल, बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली आचार समिति मामले की जांच कर रही है. कमेटी की पिछली बैठक गुरुवार (2 नवंबर) को हुई थी. मोइत्रा ने बैठक के बाद आरोप लगाया था कि उनका वस्त्रहरण किया गया.वहीं पूरे मामले को लेकर निशिकांत दुबे ने सीबीआई जांच की बात की तो मोइत्रा ने भी पलटवार करते हुए निशाना साधा. मोइत्रा ने तंज करते हुए कहा कि यह जानकर बहुत खुशी हुई कि पीएम मोदी का लोकपाल अस्तित्व में है. उन्होंने कहा कि लोकपाल कार्यालय के लिए ऐसी महत्वपूर्ण घोषणाओं को आउटसोर्स करना अपमानजनक है. मोइत्रा ने आगे कहा, ‘‘लोकपाल अभी जिंदा है.’’