शुक्रवार लालू यादव के पटना लौटने पर पक्ष विपक्ष दोनों में हलचल नज़र आई. जहां लालू यादव के स्वस्थ होकर लौटने पर उनसे मिलने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनसे मिलने पहुंचे वहीं बीजेपी ने कहा लालू के लौटने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
लालू के लौटने से समर्थकों में उत्साह
किडनी ट्रांसप्लांट के तकरीबन 9 महीने बाद शुक्रवार शाम लालू यादव पटना पहुंचे हैं. लालू के बिहार लौटने पर उसके समर्थक काफी उत्साहित नज़र आए.
लालू यादव की वापसी से राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चाएं भी शुरु हो गई है कि महा गठबंधन अब और मज़बूत होगा. इसके साथ ही जेल से रिहा हुए बाहुबली आनंद मोहन की लालू यादव से मुलाकात की अटकलें भी लगाई जा रही है. साथ ही कहा जा रहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव के लिए जो विपक्षी एकजुटता की कवायद नीतीश कुमार कर रहे है उसे भी बल मिलेगा.
हालांकि ये साफ नहीं है कि लालू यादव राजनीति में कितनी हद तक सक्रिये होंगे. क्योंकि किडनी ट्रांसप्लांट के बाद लालू यादव को डॉक्टर की ओर से कई चीजों पर प्रतिबंध लगा रखा है.
लालू यादव से मिलने पहुंचे नीतीश कुमार
लालू यादव के पटना पहुंचते ही शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनसे मिलने उनके पटना आवास पर पहुंचें. इससे पहले ही मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने खुशी जताते हुए कहा था कि वह लालू यादव को तबसे जानते है जब वो राजनीति में नहीं थे.



लालू यादव अपनी बची जिंदगी अपने बच्चों को संस्कार देने में बिताये- विजय सिन्हा
वहीं लालू यादव की बिहार वापसी पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि इनके बिहार आने से कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला है. लालू यादव तो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 30 वर्ष नीतीश के साथ रहे हैं. इनका आना-जाना तो लगा ही रहता है.
इसके साथ ही विजय सिन्हा ने कहा कि लालू यादव के आगमन से नीतीश कुमार की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है. सिन्हा ने कहा कि उन्हीं के दबाव के कारण नीतीश कुमार अपराधियों को धड़ाधड़ जेल से रिहा कर रहे हैं.
विजय सिन्हा ने लालू यादव पर निजी हमला करते हुए कहा कि लालू यादव को कुर्सी का मोह त्यागकर अपनी बची जिंदगी को अपने बच्चों को उचित संस्कार देना चाहिए. इतना ही नहीं विजय सिन्हा ने बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भी हमला किया और कहा कि वह अपने बूढ़े अस्वस्थ पिता का राजनीतिक लाभ लेना चाहते है.

