पहले एक कहावत खूब कही जाती थी कि अफवाहों के सिर-पैर नहीं हुआ करते. लेकिन ज़माना अब बदल चूका है. आज के दौर में अफवाहे भी ऐसी उड़ाई जाती है कि सच्ची खबरें झूठी लगने लगें. अफवाहों को भी सर पैर मिल गए है. वो है सोशल मीडिया खासकर फेसबुक और Whatsapp. जहाँ ऐसी ऐसी खबरे सामने आती है कि कई बार ना चाहते हुए भी लोग उन पर भरोसा कर लेते हैं. फिर बवाल खड़ा हो जाता है.
खैर इस बीच एक वीडियो बहुत तेज़ी से वायरल हो रही है. जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि केक खाने से बच्चे पैरालाईस हो जाते हैं. सिर्फ यही नहीं कई लोगों ने तो इस वीडियो में धार्मिक एजेंडा ही जोड़ दिया. ये केक किसी मुस्लिम कंपनी द्वारा बनाया जारह है और इससे हिन्दू युवाओं को नपुंसक बनाया जाता है. अब क्या है इस खबर का सच आइए बताते हैं.
पिछले काफी वक्त से एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें लुप्पो नाम के ब्रांड वाले एक क्रीम बार में से टेबलेट निकलती दिखाई जा रही हैं. वीडियो में आप देख सकते हैं. दावा ये है कि इस टेबलेट को खाने से बच्चे लकवा का शिकार हो रहे हैं. दूसरा दावा ये भी किया गया कि मिनी केक “लुप्पो” के ज़रिये ये दावा किया गया है कि मुसलमान खाने-पीने की चीजों में गोलियों मिलाकर बहुसंख्यक हिंदू आबादी को निशाना बना रहे हैं. इस दावे का ट्वीट आप देखसकते हैं.
क्या ये सब सच है ये ? ये बताने के लिए ही तो हम आये हैं. भारत नाउ ने जब इस वीडियो की जांच की तो पता चला कि ये वीडियो ना तो भारत का है, ना ही आज का बल्कि, कई सालों पुराना है. ये वीडियो दुनियाभर में वायरल हो चुका है. लुप्पो कोकोनट क्रीम बार का निर्माण करने वाली तुर्की की कंपनी Sölen के प्रवक्ता ने इसे फर्जी बताया है. कंपनी का कहना है कि यह प्रोडक्ट सिर्फ ईराक में ही बेचा जाता है, ब्रांड इमेज खराब करने के लिए इसे वायरल किया गया है. वीडियो में आप सुन सकते हैं कि जो शख्स बोल रहा है वो भाषा हिन्दुस्तान की नहीं, किसी तुर्की या इरान की है.
इंटरनेशनल फैक्ट चेकिंग वेबसाइट snopes ने इस वीडियो की नवंबर 2019 में जांच की थी. जिसमें पता चला कि दावा झूठा है. यूएस में भी इसे काफी वायरल किया जा चुका है और दावा किया गया कि, तुर्की में बनने वाले इस प्रोडक्ट को यूएस, मैक्सिको में बेचा जाता है.
कई इंटरनेटशनल फैक्ट चेकिंग वेबसाइट इस वायरल वीडियो की जांच कर चुकी हैं. जांच में वायरल दावा झूठा पाया गया.
हालांकि पड़ताल में अभी तक कुछ राज़ दबे हुए हैं. पहला ये कि क्रीम बार में किसने टेबलेट मिलाई. क्योंकि कंपनी के निर्माता ने साफ़ तौर पर इन आरोपों को खारिज किया था. दूसरी ओर ध्यान रखने वाली बात ये है कि लुप्पो कोकोनट क्रीम बार सिर्फ ईराक में बेचा जाता है. कंपनी द्वारा प्रोडक्शन प्रॉसेस, सेफ्टी सर्टिफिकेट भी प्रोवाइड करवाए गए जिससे यह साबित हुआ कि वायरल वीडियो छेड़खानी कर तैयार किया गया है.
हालाँकि तुर्की की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट Teyit भी इस वीडियो का इन्वेस्टिगेशन कर चुकी है. जांच में सामने आया था कि, वायरल फुटेज को ईरान के कुर्दिस्तान में शूट किया गया है, क्योंकि क्लिप के आखिरी में सुनाई दे रही भाषा सोरानी है, जो एक कुर्द भाषा है.
तो देखा आपने हो गया न दूध का दूध और पानी का पानी. अब सवाल की कैसे बचे इन फ़र्ज़ी ख़बरों के जाल से तो बहुत आसान है बस बिना सच जाने कुछ भी शेयर मत कीजिये. क्योंकि आपकी लापरवाही किसी और के लिए सजा बन सकती है.