Bihar Universities: बिहार राजभवन की ओर से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि केवल सबसे वरिष्ठ प्रोफेसरों को ही प्राचार्य का प्रभार दिया जाए. ये फैसले पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति आर.के. सिंह को उसके अधीन आने वाले महाविद्यालयों में प्रभारी प्राचार्यों की नियुक्ति में कथित चूक के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने तथा उन्हें कोई भी नीतिगत निर्णय लेने से रोकने के एक महीने बाद आया है.
जूनियर प्रोफेसरों को कॉलेज प्राचार्य दिया गया
राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंगथु ने सभी विश्वविद्यालयों को भेजे गए पत्र में कहा, “यह देखा गया है कि वरिष्ठ प्रोफेसरों के स्थान पर जूनियर प्रोफेसरों को कॉलेज प्राचार्य का प्रभार दिया गया है, जो राजभवन के निर्देश और नियमों के खिलाफ है.”
Bihar Universities: 15 दिनों के अंदर हो आदेश का अनुपालन
राज्यपाल कार्यालय ने आदेश जारी होने के 15 दिनों के अंदर इसका अनुपालन करने तथा राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय (जहां कुलपति को किसी भी नीतिगत निर्णय से रोक दिया गया है तथा कारण बताओ नोटिस के जवाब पर राजभवन का रुख अभी भी प्रतीक्षित है), मुंगेर विश्वविद्यालय तथा पूर्णिया विश्वविद्यालय को अलग से लिखे पत्र में राजभवन ने पूर्व के निर्देश तथा नियम के अनुसार महाविद्यालय में प्रभारी प्राचार्य की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव कुलाधिपति के अनुमोदन हेतु मांगा है.
यह निर्देश नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, बिहार कृषि विश्वविद्यालय और बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पर लागू नहीं होगा, क्योंकि उनके अधीन कोई घटक कॉलेज नहीं है.
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति को दिया गया था नोटिस
राजभवन ने जूनियर शिक्षकों को प्रभारी प्राचार्यों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं के लिए पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. हाल ही में संपन्न मानसून सत्र के दौरान भाजपा विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने बिहार विधानसभा में तारांकित प्रश्न के माध्यम से यह मुद्दा उठाया था. विधायक ने आरोप सही पाए जाने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की.
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